राजनांदगांव। पुलिस ने बीते दिनों सोमनी क्षेत्र के जोरातराई-कोपेडीह मार्ग पर छापामार कार्रवाई कर बंद पड़े फैक्ट्री से अवैध रुप से गुटखा बनाने के मामले का खुलासा किया था। रेड कार्रवाई के दौरान पुलिस ने 82 लाख कीमत की अलग-अलग वैरायटी के गुटखा बरामद किया। गुटखा की जब्ती तो बनाई गई, लेकिन गुटखा बनाने में इस्तेमाल होने वाली मशीन की जब्ती नहीं हुई है। गुटखा के निर्माण व पैकेजिंग में मशीन का उपयोग होता है। वहीं पुलिस अब तक गुटखा बनाने वाले सरगना के नाम का खुलासा नहीं कर पाई है। पुलिस इस मामले को फूड एंड सेफ्टी विभाग को सौंपने का हवाला देकर अपनी जिम्मेदारी से बच रही है। दूसरी ओर जिला मुख्यालय से महज 15 किलोमीटर दूर अवैध तरीके से गुटखा निर्माण के मामले ने फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट के अफसरों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए है, क्योंकि इस तरह की कार्रवाई का सर्वप्रथम अधिकार फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट को होती है। इसके बाद भी अभी तक कार्रवाई नहीं की गई, बात साफ है, एफएसओ दफ्तर में हाजिरी भरकर सिर्फ तनख्वाह बटोरने का काम कर रहे है। बताया जा रहा है कि पुलिस की कार्रवाई के बाद मामले में राजनीति हावी हो गई और राजनीतिक दबाव में पुलिस आगे की कार्रवाई करने से पीछे हट गई है। नाम तक नहीं बता रहे।
दुर्ग-भिलाई से जुड़ रहे तार
गुटखा सरगना के नाम का अब तक खुलासा नहीं हुआ। खबर है कि अवैध गुटखा का किंग दुर्ग-भिलाई के निवासी हैं और सत्तापक्ष के लोगों का उनको पूरा समर्थन है। राजनीतिक दबाव के चलते पुलिस आगे की कार्रवाई करने से पीछे हट गई है। फिलहाल इस मामले में पुलिस व फूड एंड सेफ्टी विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
कर्णकांत श्रीवास्तव
(B.J.M.C.)
सीनियर जर्नलिस्ट, फाउंडर एंड चीफ एडिटर, एक्स रिपोर्टर न्यूज वेबसाइट, मीडिया प्रभारी, जिला पत्रकार महासंघ, राजनांदगांव, विशेष सदस्य, प्रेस क्लब राजनांदगांव।
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