राजनांदगांव। बसंतपुर जिला अस्पताल परिसर पर स्थित मदर एंड चाइल्ड केयर यूनिट का ड्रेनेज फेल होने से इनदिनों गर्भवती और प्रसूताओं के साथ अस्पताल प्रबंधन की परेशानी बढ़ी हुई है। ड्रेनेज फेल होने से बिल्डिंग के लगभग सभी फ्लोर का बाथरूम चोक हो चुका है, ऐसे में गर्भवती और प्रसूताओं को बार-बार पुराने अस्पताल बिल्डिंग में शिफ्ट किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक सुधार कार्य के लिए लगभग 25 लाख रुपए का ठेका दिया गया है। सीजीएमएससी सुधार कार्य करवा रही है। लेकिन साइड इंजीनियर के गैर जिम्मेदाराना रवैये से कार्य कछुआ गति से चल रहा है।
सुधार कार्य का ठेका दुर्ग के किसी ठेकेदार को दिया गया है। दुर्ग से मजदूर भेजकर काम करवाया जा रहा है, जिससे काफी लेटलतीफी हो रही है। कार्य में वक्त लगने की वजह से ड्रेनेज का गंदा पानी परिसर पर फैल रहा है। गंदगी और बदबू से लोगों को दिक्कत हो रही है। बता दें कि सीजीएमएससी के बेतरतीब काम का यह पहला उदाहरण नहीं है। जिला मुख्यालय में होने वाले अधिकांश कार्यों में सीजीएमएससी इंजीनियर की खराब मॉनिटरिंग और गैरजिम्मेदाराना रवैये का नमूना सामने आ चुका है। हैरत की बात ये है कि सीजीएमएससी के ऐसे कार्य को देखते हुए भी स्वास्थ विभाग के आला अधिकारी मामले में किसी तरह की कार्रवाई करने से बच रहे हैं।
सेनेटरी पैड और मेडिकल वेस्ट डालने से जाम हुआ ड्रेनेज
अस्पताल के निरीक्षण के दौरान पता चला कि सेनेटरी पैड और मेडिकल वेस्ट को बाथरूम में फेंके जाने की वजह से काफी जल्दी मदर एंड चाइल्ड केयर यूनिट का ड्रेनेज फेल हो गया। यहां ऐसा पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी इसी हरकत की वजह से ड्रेनेज जाम होती रही है। ऐसी परेशानी आगे न हो इसके लिए अस्पताल में आए मरीजों और स्टॉफ को ध्यान रखना होगा कि किसी भी तरह के मेडिकल वेस्ट या अपशिष्ट पदार्थ को नाली के बजाय डस्टबिन में ही फेंके।
