IMG-20241026-WA0010
IMG-20241026-WA0010
previous arrow
next arrow

राजनांदगांव। जिले में बंगाली, यूनानी तरीके से इलाज का दावा कर रहे झोलाछाप डॉक्टर मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। जिले में अल्टरनेटिव मेडिसिन की डिग्री के नाम पर प्रैक्टिस करने वालों की लंबी फेरहिस्त है। जिन पर स्वास्थ विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। यूं कहे कि स्वास्थ विभाग के कायदे कानून ऑफिस की चारदिवारी में ही सिमट के रह गए है। कार्रवाई नहीं होने के कारण अवैध तरीके से संचालित इन क्लीनिक में उपचार के साथ ऑपरेशन तक किए जाने लगे है।

सड़क किनारे तंबू तानकर कई अनपढ़ खुद को नाड़ी वैद्य बताकर उपचार के नाम पर लोगों को ठग रहे हैं। गांव, बस्ती और गली में कोई न कोई बगैर डिग्री का डॉक्टर नजर आ जाता है, जो अस्पताल खोलकर लोगों का उपचार कर रहा है। खासकर सीजन में इनका धंधा जोरो पर रहता है। राजनांदगांव के आसपास क्षेत्र और ग्रामीण इलाकों के अलावा तुमड़ीबोड़, डोंगरगांव, छुरिया, डोंगरगढ़, सोमनी में हल्की डिग्री लेकर बिना किसी लाइसेंस के क्लीनिक संचालन करने वालों की संख्या सर्वाधिक है।

स्वास्थ केंद्रों में नहीं मिल रहा उपचार
स्वास्थ केंद्रों में उचित उपचार नहीं मिलने के कारण ग्रामीण गांव में मौजूद झोलाछाप डॉक्टर से अपना इलाज कराते हैं। बिना किसी डिग्री के खुद को डॉक्टर बताने वाले ये लोग सामान्य टेबलेट और इंजेक्शन खरीदकर अपना अवैध कारोबार संचालित कर रहे हैं। कुछ बड़े पंचायतों में तो रेडक्रास के चिन्ह का उपयोग करते हुए डॉक्टर का बोर्ड लगाकर दुकान खोलकर बैठे हैं।

नर्सिंग होम एक्ट का उल्लंघन
कई स्थानों पर झोलाछाप डॉक्टरों ने क्लीनिक घर में ही बना रखा है। सुबह हो या रात वे हर समय मरीज का गंभीर से गंभीर रोग का उपचार अपने अनुभव से करते हैं। बॉटल चढ़ाना तो उनका मुख्य काम है। कई झोलाछाप तो प्रसव भी करवा रहे हैं। ऐसे हालात में भ्रूणहत्या जैसे गंभीर मामलों को नकारा नहीं जा सकता है।

मामूली डिग्री लेकिन हर मर्ज का इलाज

मामूली डिग्री के बाद भी ये झोलाछाप बड़ी से बड़ी बीमारी का इलाज करने का दावा कर मरीजों से मोटी रकम ऐंठ रहे हैं। अगर संख्या निकाली जाए तो जिले में मामूली डिग्री लेकर क्लीनिक संचालन करने वालों के आकड़े एक हजार से अधिक चले जाएगी। पूर्व में जिले में कई ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिसके कारण मरीजों को भारी नुकसान हुआ है।

पढ़िए, जिम्मेदार अफसरों का जवाब

सीएमएचओ डॉ. अशोक बंसोड़ ने कहा कि नर्सिंग होम एक्ट के विरूद्ध संचालित होने वाले अस्पताल, क्लीनिक और अपने आपको डॉक्टर बताने वाले झोलाछाप के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए शीघ्र ही अभियान चलाया जाएगा।

डोंगरगांव बीएमओ डॉ. रागिनी चंद्रे ने कहा कि समय-समय पर टीम निरीक्षण करती है, जिन इलाकों से शिकायत सामने आई है, वहां जाकर कार्रवाई की जाएगी।

error: Content is protected !!