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  • जिले में छत्तीसगढिय़ा ओलम्पिक में रही खेलों की धूम
  • शासन द्वारा व्यापक पैमाने पर पारंपरिक खेलों का किया जा रहा आयोजन
  • कहीं कबड्डी, पिट्टूल, खो-खो का जोश तो कहीं फुगड़ी की दिखी ऊर्जा
  • गली-गली में शोर हे, छत्तीसगढिय़ा ओलम्पिक के धूम हे
  • 6 जनवरी 2023 तक रहेगा आयोजन

राजनांदगांव 06 अक्टूबर 2022। छत्तीसगढ़ के लोक-जीवन में यहां के परम्परागत खेल रचे -बसे हैं।  यह हमारी संस्कृति की बहुमूल्य धरोहर है। ग्रामीण क्षेत्रों में जहां एक ओर कबड्डी, पिट्टूल, खो-खो जैसे जोश से भरे खेल ऊर्जा का संचार करते हैं तो वहीं बिल्लस, फुगड़ी जैसे परम्परागत खेल से स्फूर्ति का संचार होता है। शासन की पहल पर प्रदेशभर में छत्तीसगढ़ ओलम्पिक के लिए पारंपरिक खेलों की धूम मची हुई है। पहली बार व्यापक पैमाने पर प्रदेशभर में पारंपरिक खेलों का आयोजन हो रहा है। शहर-शहर, गांव-गांव में बच्चों, युवाओं, बुजुर्गों, महिलाओं में छत्तीसगढिय़ा ओलम्पिक के लिए अपूर्व उत्साह एवं उल्लास है। कलेक्टर श्री डोमन सिंह के मार्गदर्शन में जिलेभर में खेल स्पर्धाओं का आयोजन किया जा रहा है। कलेक्टर ने इन खेल कार्यक्रम के व्यवस्थित संचालन के निर्देश अधिकारियों को दिये हैं।

जिले में बच्चों, युवाओं एवं हर वर्ग का जोश एवं जज्बा देखते ही बनता है। अजस्र ऊर्जा से युवाओं की टीम इन खेलों में भाग ले रही है। जिले के विकासखंड में खेलों के लिए अच्छी व्यवस्था की गई। खेल प्रेमियों में इस आयोजन को लेकर खासा उत्साह है। महिलाओं का खासकर बिल्लस और गेड़ी में रूझान है। रस्साकशी में खिलाड़ी जोश से ताकत की जोरदार आजमाइश कर रहे हैं। विधायक श्रीमती छन्नी साहू ने आज छुरिया विकासखंड के ग्राम भर्रीटोला ब में छत्तीसगढिय़ा ओलम्पिक का शुभारंभ किया। वहीं राज्य युवा आयोग के अध्यक्ष श्री जितेन्द्र मुदलियार ने ग्राम टेड़ेसरा में शुभारंभ किया। महापौर श्रीमती हेमा देशमुख ने आज ठाकुर प्यारे लाल स्कूल मैदान में छत्तीसगढिय़ा ओलम्पिक का शुभारंभ किया। कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने डोंगरगढ़ विकासखंड के ग्राम बोरतलाव में विजेताओं को पुरस्कृत किया। नगर निगम के साथ ही सभी नगरीय निकाय एवं सभी विकासखंडों में जनप्रतिनिधियों ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में जनप्रतिनिधि, नगर निगम आयुक्त डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी एसडीएम श्री अरूण वर्मा एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान बड़ा, ठेठरी, खुरमी, गुजिया छत्तीसगढ़ी व्यंजनों की श्रृंखला रही।
2 श्रेणियों में  हो रही हैं खेल-प्रतियोगिताएं – छत्तीसगढिय़ा ओलम्पिक कार्ययोजना के तहत खेल प्रतियोगिताएं दो श्रेणी में हो रही हैं। इसमें खेल विधाओं के अनुसार दलीय एवं एकल श्रेणी निर्धारित की गई है। दलीय श्रेणी में गिल्ली डंडा, पिट्टूल, सांखली, लंगड़ी दौड़, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी और बांटी (कंचा) जैसी छत्तीसगढिय़ा खेल विधाएं शामिल हैं। एकल श्रेणी में बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा, 100 मीटर दौड़ एवं लम्बी कूद शामिल हैं।
छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक खेलों का आयोजन 6 स्तर पर होगा – छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक खेलों के 6 स्तर निर्धारित किये गये है। इसके अनुसार पहले ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्र स्तर पर राजीव गांधी युवा मितान क्लब में खेलों का आयोजन नाकआउट पद्धति से होगा। दूसरा स्तर जोन है जिसमें आठ राजीव युवा मितान क्लब को मिलाकर एक क्लब होगा। तीसरे स्तर पर विकासखण्ड तथा नगरीय क्लस्टर स्तर, जिला, संभाग और अंत में राज्य स्तर पर खेल प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी।
बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक खेलों में हो रहे शामिल
खेलों में बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक भाग ले रहे हैं। इसमें प्रथम वर्ग 18 वर्ष की आयु तक, दूसरा 18 से 40 वर्ष आयु वर्ग और तीसरा वर्ग 40 वर्ष से अधिक उम्र के लिए है। इन प्रतियोगिता में महिला एवं पुरूष दोनों वर्ग में प्रतिभागी शामिल हो रहे हैं।

By Amitesh Sonkar

Sub editor

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