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राजनांदगांव। शासकीय दिग्विजय स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय राजनांदगांव के स्वशासी परीक्षा प्रकोष्ठ के द्वारा स्नातक प्रथम वर्ष CBCS पाठ्यक्रम NEP 2020 के विद्यार्थियों के लिये तीन दिवसीय इंडक्शन प्रोग्राम का आयोजन 07 से 09 सितंबर तक आयोजित किया जा रहा है।

इंडक्शन प्रोग्राम के प्रथम दिनस बीएससी प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों के लिये महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. के. एल. टाण्डेकर ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में महाविद्यालय में उपलब्ध सुविधाएं, महाविद्यालय के अनुशासन तथा नये पाठ्यक्रम के संबंध में बताया प्राचार्य डॉ. टाण्डेकर विद्यार्थियों का स्वागत करते हुए बताया कि महाविद्यालय में इस वर्ष से चार वर्षीय सीबीसीएस सेमेस्टर पाठ्यक्रम लागू किया जा रहा है जिसमें मुख्य पाठ्यक्रम के अलावा कौशल विकास तथा अभिरूचि के पाठ्यक्रम को भी शामिल किया गया है उन्होंने बताया कि इस पाठ्यक्रम से विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास होगा।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्वशासी परीक्षा विभाग के नियंत्रक डॉ. अंजना ठाकुर ने बताया कि नई शिक्षा नीति छम्च् 2020 को महाविद्यालय में लागू किया जा रहा है। नई शिक्षा नीति के तहत सीबीसीएस सेमेस्टर पाठ्यक्रम सत्र 2022-23 से प्रथम वर्ष से लागू किया जा रहा है। इस पाठ्यक्रम में विद्यार्थियों ने अपने स्वयं के रूचि के विषय चुनने का विकल्प होगा जिसमें एक फेकल्टी के विद्यार्थी किसी दूसरे फेकल्टी के विषय चुन सकता है।
स्वशासी परीक्षा विभाग के उप नियंत्रक डॉ. हेमंत कुमार साव ने पीपीटी के माध्यम से सीबीसीएस सेमेस्टर पाठ्यक्रम के कोर्स करिकुलम, परीक्षा मूल्यांकन तथा परीक्षा अधिनियम के बारे में विस्तार से प्रस्तुतिकरण दिये। अपने प्रस्तुतिकरण में डॉ. साव ने बताया कि प्रत्येक प्रश्न पत्र में 33 प्रतिशत न्यूनतम पासिंग नंबर होगा। प्रत्येक प्रश्न पत्र की परीक्षा दो भागों में होगा प्रथम भाग में आंतरिक मूल्यांकन परीक्षा तथा द्वितीय भाग में सेमेस्टर परीक्षा होगा। विद्यार्थी को पास होने के लिये दोनों भाग के परीक्षा में 33ः अंक प्राप्त करना आवश्यक होगा। विद्यार्थी दो विषय में पूरक (एटीकेटी) पात्रता होगी। दो से अधिक विषय में अनुत्तीर्ण होने पर भूतपूर्व परीक्षार्थी माना जायेगा ऐसे विद्यार्थी को अगले सेमेस्टर में प्रवेश की पात्रता नहीं होगी। जो विद्यार्थी छठवे सेमेस्टर की परीक्षा अर्थात् तृतीय वर्ष की परीक्षा में 7.5 या उससे अधिक CBCS। लाता है उन्हें चतुर्थ वर्ष में प्रवेश दिया जायेगा। चतुर्थ वर्ष में प्रवेश करने वाले विद्यार्थी के लिये स्नातकोत्तर का पाठ्यक्रम केवल एक वर्ष का होगा। चार वर्षीय पाठ्यक्रम पूर्ण करने वाले विद्यार्थी को आनर्स डिग्री/रिसर्च डिग्री प्रदान किया जाएगा।
ऐसे विद्यार्थी जिनका तृतीय वर्ष में सीजीपीए 7.5 से कम जाता है उनके लिये स्नातकोत्तर पाठयक्रम दो वर्ष का होगा। उन्होंने आगे बताया कि सीबीसीएस नए पाठ्यक्रम में मल्टीपल एक्जिट एवं एण्ट्री का प्रावधान भी होगा। यदि विद्यार्थी प्रथम वर्ष (प्रथम एवं द्वितीय सेमेस्टर) में 48 क्रेडिट पूर्ण करने के पश्चात् अपनी आगे की पढ़ाई ब्रेक करना चाहता है उन्हें एक वर्षीय सर्टीफिकेट प्रदान किया जायेगा। इसी प्रकार दो वर्षीय पाठ्यक्रम (प्रथम से चतुर्थ सेमेस्टर) पूर्ण करने के पश्चात् डिप्लोमा सर्टीफिकेट प्रदान किया जायेगा। तृतीय वर्ष (छः सेमेस्टर) पूर्ण करने के पश्चात् डिग्री प्रदान किया जायेगा। चतुर्थ वर्ष पूर्ण करने के पश्चात् आनर्स डिग्री प्रदान किया जायेगा।
आईक्यूएसी के संयोजक डॉ. के. के. देवांगन अपने संबोधन में महाविद्यालय के विभिन्न नियम तथा सुविधाओं के बारे में विस्तार से बताया कार्यक्रम का संचालन स्वशासी प्रकोष्ट के सहायक नियंत्रक गोकुल निषाद ने किया उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के दूसरे दिन बी.कॉम. तथा अंतिम दिन बी.ए. के विद्यार्थी इंडक्शन प्रोग्राम में शामिल होंगे।
कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद प्रस्ताव डॉ. सुरेश पटेल, जिला संगठक एनएसएस द्वारा किया गया।

By Amitesh Sonkar

Sub editor

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