राजनांदगांव। राज्य शासन ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है कि राजगामी सम्पदा की भूमि सम्पदा की संपत्ति है इसलिए कार्यवाही भी राजगामी सम्पदा को ही करना उचित होगा इसके बावजूद राजगामी सम्पदा के अध्यक्ष राज्य शासन के आदेशों व निर्देशों का इंतजार कर रहे कि जब राज्य शासन वाडनेयर स्कूल के खिलाफ कार्यवाही करने का फरमान जारी करेगा तब राजगामी सम्पदा इस पर कार्यवाही करेगा और उच्च अधिकारी जांच कराने की बात कह कर मामले को ठंडे़ बस्ते में डालते दिख रहे है जबकि दस्तावेजी साक्ष्य जो राजगामी सम्पदा के कार्यालय में उपलब्ध है उससे यह तो प्रमाणित हो रहा है कि राजगामी सम्पदा की भूमि को गैरकानूनी ढंग से हस्तांतरित किया गया और सम्पदा की भूमि को अपनी संपत्ति बताकर अनुमति मान्यता और एफिलियेशन प्राप्त किया गया जो आपराधिक कृत्य है।
वहीं जानकार बता रहे है कि यदि झूठी जानकारी देकर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से स्कूल संचालित करने अनुमति मान्यता प्राप्त किया गया है तो जिला शिक्षा अधिकारी को तत्काल कार्यवाही करने का पूरा अधिकार है और यदि तहसीलदार एंव व्यवस्थापक के कार्यालय में झुठी जानकारी देकर एफिलियेशन प्राप्त करने अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया गया है तो अनुविभागिय अधिकारी को कार्यवाही करना चाहिए जबकि लिखित शिकायत वर्ष 2017 से हो रही है जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी और इन पांच वर्षो में अनेकों बार दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत कर इस प्रश्नाधीन भूमि पर अवैध कब्जा कर इसे अपनी संपत्ति बताकर अनुचित लाभ लेने वालों पर कार्यवाही की मांग की जा चूकी है। छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एशोसिएशन इस मामले की शिकायत कर चुका है।
