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राजनांदगांव। इस वर्ष समय से पहले मानसून आने का अनुमान है। इसे देखते हुए किसानों ने खरीफ फसल लेने की तैयारी शुरू कर दी है लेकिन समितियों में रासायनिक खाद के संकट के चलते किसानी कार्य धीमा पड़ने लगा है। खास तौर पर डीएपी उर्वरक की कमी काफी ज्यादा है ऐसे में किसानों की चिंता बढ़ गई है। खाद के संकट को लेकर सोमवार को जिला किसान संघ के बैनर तले किसानों ने कलेक्ट्रेट के सामने धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करने के दौरान किसानों ने अपने साथ लाए धान को सड़क पर फैला दिया और मांगों को पूरा करने के लिए नारे लगाते रहे। अंत में किसानों ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर शीघ्र अति शीघ्र जिले में पर्याप्त खाद व्यवस्था करवाने की मांग रखी है।

जिला सहकारी केंद्रीय बैंक से मिली जानकारी अनुसार चालू सत्र में 35 प्रतिशत खाद का वितरण किया जा चुका है। जिले में रासायनिक खाद 65000 टन लक्ष्य के विरूद्ध 30449.9 टन भण्डारण किया गया। जिसमें 22556.9 टन का वितरण किया जा चुका है। रासायनिक खाद यूरिया 27700 टन लक्ष्य के विरूद्ध 21008.3 टन भण्डारण किया गया। जिसमें 14980.5 टन का वितरण किया जा चुका है। सुपर फास्फेट 11400 टन लक्ष्य के विरूद्ध 4259.8 टन भण्डारण किया गया। जिसमें 3632.9 टन का वितरण किया जा चुका है। डीएपी 17700 टन लक्ष्य के विरूद्ध 3211.4 टन भण्डारण किया गया। जिसमें 3046.1 टन का वितरण किया जा चुका है। आज की स्थिति में 22 हजार 557 मिट्रिक टन खाद का वितरण किसानों को किया जा चुका है। अफसरों की मानें तो 168 टन डीएपी का परिवहन लगातार हो रहा है। 7 जून तक जिले की मांग के अनुसार 17 हजार मिट्रिक टन डीएपी की आपूर्ति हो जाएगी।

किसानों ने किया प्रदर्शन, कहा- जैविक खाद कचरे के समान
प्रदर्शन कर रहे जिला किसान संघ के पदाधिकारी सुदेश टीकम, विजय सोनकर, कैलाश कुमार और लखनलाल सहित अन्य किसानों ने बताया कि मानसून करीब है और जिले भर में डी.ए.पी. उर्वरक का संकट है। समय पर खाद नहीं मिलने पर खेती पर प्रभाव पड़ना सुनिश्चित है। समितियों में व्यवहार करने पर कम्पोस्ट खाद लेना अनिवार्य है, यह किसानों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ है जबकि अधिकांश किसानों के पास स्वयं का गोबर खाद उपलब्ध है। समितियों के माध्यम से दी जा रही कम्पोस्ट खाद में गुणवत्ता नहीं है। यह खाद कूड़ा के समान है। जिसे खेत में डालने पर लाभ के स्थान पर नुकसान होगा। गर्मी का धान पिछले दस सालों से 1000-1200 रुपए प्रति क्विंटल औसत में बिक रहा है जबकि लागत में दुगुनी से ज्यादा वृद्धि हुई है। अतः किसान हित में मांग करते कि डी.ए.पी. सहित सभी उर्वरकों की सुचारू आपूर्ति की जावे। सहकारी समितियों में कम्पोस्ट खरीदने की अनिवार्यता खत्म कर ऐच्छिक की जाने व गुणवत्ताहीन कम्पोस्ट के वितरण पर सख्ती से रोक लगाई जावे।गर्मी धान का लाभकारी मूल्य दिलाने हस्तक्षेप कर इसे सुनिश्चित किया जावे।

रासायनिक खाद का शासकीय मूल्य

जिला विपणन संघ से मिली जानकारी अनुसार सहकारी समितियों में मिलने वाले रासायनिक खाद का निम्नलिखित मूल्य निर्धारण किया गया है
यूरिया 266 रु 50 पैसे 45 केजी
डीएपी 1350 रु 50 केजी
एनपीके 1450 रु 50 केजी
पोटाश 1700 रु 50 केजी

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