राजनांदगांव। मुख्यमंत्री के महत्वकांशी योजना स्वामी आत्मानंद स्कूल में दिए गए प्रवेश पर उंगलियां उठने लगी है क्योकि सर्वेश्वरदास नगर पालिक निगम स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी मीडियम स्कूल में सोमवार को लाॅटरी निकाला गया। पालक निर्धारित समय में पंहुच कर घंटो लाॅटरी प्रक्रिया में सम्मिल होकर अपने बच्चों के नाम आने का इंतजार करते रहे लेकिन जब सैकड़ों पालको के बच्चांे का नाम लाॅटरी मे नही आया जो प्राचार्य से जानकारी चाही गई तो पता चला कि लगभग 567 आवेदनों को अपात्र घोषित कर दिया गया है लेकिन इसकी सूचना पालको को नही दिया जा सका है।
पालको का कहना है कि यदि उनके बच्चों के आवेदनों को किन्ही कारणों से रिजेक्ट कर दिया गया है तो इसकी सूचना लाॅटरी निकालने से पूर्व उन्हे दिया जाना था लेकिन प्राचार्य द्वारा इसकी सूचना पालको को किसी भी माध्यम से नही दिया गया, सीधे लाॅटरी निकाल दिया गया जो उचित नही है।
नाराज पालको ने इसकी लिखित शिकायत स्कूल शिक्षा सचिव डाॅ. एस. भारती दासन से कर, अब जांच की मांग कर रहे है क्योकि उनका कहना है कि उनके बच्चे पांच वर्ष पूर्ण कर चूके है और आरटीई कानून के अंतर्गत उनके बच्चों को कक्षा पहली मे ंप्रवेश दिया जाना था जबकि प्राचार्य का कहना है कि कक्षा पहली में प्रवेश हेतु उम्र 5 वर्ष 6 माह से लेकर 6 वर्ष 6 माह निर्धारित किया गया है और कई बच्चे पांच वर्ष छह माह पूर्ण नही किए है इसलिए आवेदनों को अपात्र कर दिया गया है।
दीपक स्वर्णकार का कहना है कि प्राचार्य द्वारा कक्षा पहली में उम्र के संबंध में जारी नियम व निर्देशों की कोई जानकारी किसी भी माध्यम से आम जनता को नही दिया गया जबकि प्राचार्य को इस संबंध में स्थानीय स्तर पर प्रचार प्रसार करना था, जो नही किया गया, जबकि उनके दो जुड़वे बच्चे है जो पांच वर्ष पूर्ण कर चूके है और कक्षा पहली के लिए पात्र है लेकिन उनके दोनो आवेदनों को रिजेक्टर कर दिया गया है।
छत्तीसगढ़ पैरेंटस एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पाॅल का कहना है कि पालको को यह जानने का पूरा वैधानिक अधिकार है कि उनके बच्चों के आवेदनों को किन कारणों से रिजेक्ट किया गया लेकिन पालको को इसकी कोई सूचना नही दी गई, जो उचित नही है और इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए कि लाॅटरी निकालने से पूर्व अपात्र सूची सार्वजनिक क्यों नही किया गया और जानकारी छिपाने का प्रयास क्यों किया गया।
