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राजनांदगांव। धान खरीदी केंद्रों में सूखत मामले को लेकर जिला सहकारी समिति कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। संघ के जिलाध्यक्ष रूपनारायण हिरवानी, उपाध्यक्ष विष्णु साहू सहित अन्य पदाधिकारियों ने ज्ञापन में बताया कि छ.ग. शासन की धान खरीदी नीति के परिपालन करते हुये हमारे द्वारा उपार्जन का कार्य सुचारू रूप से किया गया । धान की परिवहन सही नहीं होने के कारण आज दिनांक तक उपार्जन केन्द्रों में धान रखा हुआ है । परिवहन में देरी के कारण धान में सुखत ( वजन कमी ) आया है । सुखत की भरपाई के लिए जिला प्रशासन द्वारा बिना जांच किये , खरीदी प्रभारियों को जिम्मेदार ठहराना एवं कानूनी कार्यवाही ( FIR ) दर्ज करने का निर्देश दिया जाना न्याय संगत नहीं है । जिसके कारण कई माह से बिना वेतन में काम करने वाले कर्मचारी चिंतित एवं आहत है। हमारे द्वारा पूर्णलगन एवं निष्ठा के साथ छग शासन की जनहित कार्यों , किसानों को नगद / खाद वितरण , वर्मी खाद का वितरण , फसल बीमा कार्य , धान खरीदी , बचत बैक का संचालन , PDS का संचालन , गैस एजेंसी का संचालन किया जाता है । महोदय जी धान में सुखत आने का निम्न कारण है…

1. धान खरीदी के समय धान 17 प्रतिशत नमी में खरीदा जाता है एवं परिवहन के समय 10-11 प्रतिशत नमी में महिनों बाद धान परिवहन किया जाता है । जिसके कारण धान सुखत आना स्वाभाविक है । खरीदी एवं परिवहन करते समय नमी में अंतर के कारण सुखत कितना किलो आता है , जांच का विषय है। इसका जांच कराया जाना आवश्यक है।

2 दिसंबर माह में खरीदा गया धान आज दिनांक तक परिवहन नही होने के कारण चूहा के प्रकोप बेमौसम बारिश व तेज धूप के कारण धान में सुखत आना स्वभाविक है।

3 जिला विपणन अधिकारी द्वारा टी.ओ. / डी.ओ . देर से जारी करने एवं भेदभाव करने के कारण परिवहन में देरी हुआ , इस वजह से धान में सुखत आया । जिला यूनियन के पत्र कं . 22 दिनांक 12/01/2022 के द्वारा इस संबंध में जिला विपणन अधिकारी को अवगत कराया गया। फिर भी टी.ओ. / डी.ओ. जारी करने में भेदभाव किया गया।

4. बफर लिमिट से 5-6 गुना अधिक धान समिति में रखा रहा , परिवहन नहीं किया गया , जिसके कारण सुखत आया छ.ग. शासन की धान खरीदी नीति पत्र के . एफ 4-12 / 2021 / 29-1 / रायपुर दिनांक 25/11/2021 के कंडिका क्रमांक 16.4 के
अनुसार 72 घंटे में परिवहन कराने की दायित्व का निर्वाहन जिला विपणन अधिकारी द्वारा नहीं किया गया एवं धान खरीदी नीति के कंडिका के . 15.8 के तहत 28 फरवरी 2022 तक संपूर्ण धान परिवहन नहीं होने के कारण सुखत आया।

5. धान परिवहन अन्य जिले के संग्रहण केन्द्रों में कराया गया जिसमें बहुत अधिक सुखत सार्टेज संग्रहण केन्द्रो द्वारा बताया गया । साफ्टवेयर की सेटिंग के चलते संग्रहण केन्द्रो द्वारा बिना तौल परची के बताये गये सुखत शार्टेज को हमारे द्वारा प्राप्ति लिया गया । यह भी सुखत शार्टेज का कारण है । जिला विपणन अधिकरी द्वारा संग्रहण केन्द्रो में तौल किये गये धर्मकाटा की पर्ची आज तक समिति को उपलब्ध नहीं कराया गया । जो संदेहप्रद है।

6. प्रतिवर्ष समय में परिवहन नहीं होने से सुखत की स्थिति निर्मित होता है , जिसका स्थायी समाधान होना आवश्यक है धान की नमी का परीक्षण एवं सुखत की आंकलन के लिए तकनीकी अधिकारीयों की टीम गठित कर जांच कराया जाये । जिसकी रिपोर्ट के आधार पर सुखत मान्य किया जाये ।

7. विपणन संघ द्वारा प्रति बोरी 2 कि.ग्रा . सुखत को स्वीकार करते हुए समिति माजूलर में 2 कि.ग्रा . का प्रावधान किया गया । इसके बाद समिति कर्मचारियों को दोषी ठहराना कहा तक उचित है।

8. कलेक्टर ( खाद्य शाखा ) जिला – राजनांदगांव द्वारा पत्र के 1144/2022 दिनांक 30/03/2022 को धान सुखत हेतु कारण बताओं नोटिस जारी किया गया था जिसका जवाब हमारे द्वारा समय सीमा में श्रीमान कलेक्टर महोदय को दिया गया । फिर भी बिना जांच किये हमारे खिलाफ कानूनी कार्यवाही करना नीति संगत नहीं है। महोदय समिति द्वारा धान उपार्जन का कार्य पूरी लगन एवं निष्ठा के साथ किया जाता है । परिवहन का दायित्व जिला विपणन संघ को है। लेकिन जिला विपणन संघ द्वारा समय पर धान उठाव नही करने से सुखत आता है । सुखत की भरपाई जिला विपणन संघ से कराया जाना उचित है। बिना जांच किये , खरीदी प्रभारियों के उपर किसी भी प्रकार की कानूनी कार्यवाही न किया जाये। जांच करने के बाद ही जवाबदेही तय किया जाये । जांच करने पर यदि हम दोषी पाये जाते है तो हर सजा हमें स्वीकार होगा। जिले में किसी भी समिति कर्मचारियों के उपर बिना जांच किये एफ.आई. आर . होता है तो जिले के सभी समितियों में तालाबंदी कर अनिश्चितकालीन हड़ताल किया जायेगा। जिससे किसानों को वर्मी खाद / रसायनिक खाद / बीज / नगद ऋण / पी . डी.एस / बचत बैंक जैसे महत्वपूर्ण कार्य पूर्णतः बंद हो जायेगा एवं आगामी धान खरीदी का पूर्णतः बहिष्कार करने को विवश होगें।

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