IMG-20241026-WA0010
IMG-20241026-WA0010
previous arrow
next arrow

City reporter राजनांदगांव: नगर निगम की नवीन पहल, एमेजान और इंडिया मार्ट जैसी ई-कामर्स कम्पनी के माध्यम से खाद विक्रय की तैयारी, अब तक खाद विक्रय से 19 लाख रूपये की आय

राजनांदगांव 24 जुलाई। छत्तीसगढ शासन द्वारा खेतीहर किसानों तथा पशु पालकों के हित में गोधन न्याय योजना प्रारंभ किया गया है। योजना के तहत 2 रूपये किलो की दर से सरकार द्वारा पशुपालकों से गोबर खरीदा जा रहा है। गोबर से महिला स्व सहायता समूहो द्वारा वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण किया जा रहा है। खाद का खेतों मे उपयोग कर फसल के उत्पादन में वृद्धि होगी और किसानों को फायदा हो रहा है। इसी प्रकार गोबर विक्रय करने से पशु मालिकों को भी आर्थिक लाभ मिल रहा है, साथ ही खाद बनाने से महिला स्व सहायता समूहो को भी रोजगार प्राप्त हो रही है।  गोबर विक्रय होने से एक फायदा यह भी है कि पशु मालिक अपने जानवरों को बांध कर रख रहे है, जिससे रोड में जानवर बैठने से होने वाली दुर्घटना से भी निजात मिल रहा है।
गोधन न्याय योजना की क्रियान्वयन की कडी में नगर निगम राजनांदगांव के लिये शासन द्वारा 04 गौठान केन्द्र नवागांव, रेवाडीह, मोहारा एवं लखोली की स्वीकृति प्राप्त हुयी, जहॉ गोबर खरीदी कर वर्मी खाद के अलावा, गमला, दिया एवं गोबर की लकडी बनायी जा रही है। वर्मी कम्पोस्ट का लाभ नागरिकों को दिये जाने नगर निगम द्वारा हाट बाजार में वर्मी कम्पोस्ट बिक्री केन्द्र भी प्रारंभ किया गया है। जहॉ न्यूनतम दर पर वर्मी कम्पोस्ट खाद का विक्रय किया जा रहा है। जिसके शुभारंभ अवसर पर जिले के प्रभारी मंत्री माननीय अमरजीत भगत एवं महापौर श्रीमती हेमा सुदेश देशमुख ने वर्मी कम्पोस्ट क्रय किया। उक्त खाद को क्रय कर घर के बगीचे एवं गमले के साथ साथ सब्जी बाडी की उर्वरा शक्ति बढाने उपयोग किया जा रहा है। खाद विक्रय के लिये वर्मी कम्पोस्ट 10 रूपये प्रति किलो, सुपर कम्पोस्ट 6 रूपये प्रति किलो एवं सुपर कम्पोस्ट प्लस 6.50 रूपये प्रति किलो की दर निर्धारित है। इसमें सुविधा के लिये 5 किलो एवं 10 किलो का पैकेट भी बनाया गया है। डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण करने वाली दीदीयों के द्वारा भी घर घर जाकर खाद का विक्रय किया जा रहा है। अब तक खाद विक्रय से लगभग 19 लाख रूपये की आय प्राप्त हुई है और अब नगर निगम खाद बेचने में प्रगति करते हुये एमेजान एवं इंडिया मार्ट जैसी ई-कामर्स कम्पनी के माध्यम से खाद विक्रय करना प्रारंभ कर रही है। जिसकी शुरूवात में कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा ने प्रथम एवं नगर निगम आयुक्त डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी ने दूसरे नम्बर पर ऑनलाईन आडर किये है। जिसका लाभ अतिशीघ्र नागरिकों को भी मिलेगा। राजनांदगांव नगर निगम की यह पहल छत्तीसगढ़ में पहली अग्रणी पहल है। इस प्रकार राजनांदगांव नगर निगम द्वारा ऑर्गेनिक राजनांदगांव अभियान की शुरूवात की गयी, जिसमें सफलता प्राप्त हो रही है।
नगर निगम राजनांदगांव द्वारा 4 स्थानों पर संचालित गौठानोे में गोबर क्रय किया जा रहा है। जिसमें नगर निगम सीमाक्षेत्र के 478 पंजीकृत पशुपालको से गोबर खरीदी जा रही है। आज दिनांक तक 1 लाख 53 हजार क्वीटल गोबर खरीदी की गयी, जिसमें हितग्राहियों को 3 लाख रूपय का भुगतान किया गया है। वर्तमान में 933 क्विंटल खाद का निर्माण किया गया है, जिसमें से 871 क्विंटल खाद विक्रय किया गया। जिससे लगभग 8 लाख रूपये की आय हुई है। साथ ही गोबर से 6700 नग दीया का निर्माण किया गया है, जिसमें लगभग 5 हजार दीये के विक्रय से 9 हजार रूपये की आय हुई। इसके अलावा गोबर से 2 नग मशीन से 65377 नग कुल 850 क्विंटल लकडी का निर्माण भी किया गया जिसमें से मुक्तिधाम में 429 क्विंटल गोबर लकडी एवं 182 क्विंटल कंडा भेजा गया, जिससे कोविड में मृत व्यक्तियों का अंतिम संस्कार किया गया। साथ ही अब तक 52 हजार क्विंटल सुपर कम्पोस्ट खाद का निर्माण किया गया, जिसमें से 91 क्विंटल का विक्रय किया गया, जिससे 5 लाख रूपये की आय हुई।
हाट बाजार में वर्मी कम्पोस्ट विक्रय केन्द्र से अब तक 150 किलो सुपर कम्पोस्ट बेचा गया। जिससे 900 रूपये की आय हुई, वही 315 किलों वर्मी कम्पोस्ट के विक्रय से 3150 रूपये आय प्राप्त हुई। इसी प्रकार डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने वाली स्वच्छता दीदी कचरा संग्रहण के साथ साथ वर्मी एवं सुपर कम्पोस्ट का प्रचार प्रसार कर रही है, जिससे प्रभावित होकर लोगों ने 137 किलो सुपर कम्पोस्ट क्रय किया जिससे 822 रूपये की आय हुई तथा 1692 किलो वर्मी कम्पोस्ट क्रय कर के 16920 रूपये की आय प्राप्त किये।
पूरे विश्व के उपभोक्ता का रसायनिक खाद से उत्पादित खाद पदार्थो से होने वाले नुकसान को देखते हुये  लोगों का रूझान रसायनिक खाद से कम हो रहा है और धीरे धीरे ही सही ऑर्गेनिक जैविक कृषि उत्पादों की मांग बढ़ती जा रही है। इस दिशा में गोधन न्याय योजना से उत्पादित खाद, रसायनिक उर्वरको का एक ठोस विकल्प साबित होगा। जैविक खाद मिट्टी के प्राकृतिक जीवाणु को जीवित रखते है, मिट्टी में वायु की मात्रा बढ़ाने के साथ साथ सुक्ष्म जीवोें को बढ़ाते है जिससे एन्जाईम एवं पौधो में हारमोन्स की मात्रा बढ़ती है, पैदावार में वृद्धि होती है तथा मिट्टी की जलधारा में क्षमता बढ़ती है। इसी प्रकार जैविक खाद निर्माण से महिलाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त हो रहे है। जिसमें जुडकर स्व सहायता समूह की दीदीया गोबर से खाद एवं गमला दिया, लकड़ी आदि बनाकर आत्म निर्भर बन रहे है तथा जैविक खाद विक्रय की राशि में से कुछ अंश प्राप्त कर अपनी आय बढ़ा रहे है।

By Karnkant Shrivastava

B.J.M.C. Chief Editor Mo. No. 9752886730

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!