छुरिया से सूरज लहरे की रिपोर्ट
छुरिया – वन विभाग के अधिकारी कर्मचारियों पर कीमती लकड़ी तस्करी करने का आरोप ग्रामीणों द्वारा लगाया गया है। जिससे वन विभाग में हड़कंप मच गया। गुरुवार को मौके पर वन विभाग एसडीओ के साथ अधिकारी कर्मचारी पहुंचे थे। मिली जानकारी के अनुसार दक्षिण बोरतालाव वन परीक्षेत्र के घोरतालाब बीट के कक्ष क्रमांक 566 में कैम्पा योजना के तहत तालाब निर्माण कार्य स्वीकृति के बाद जेसीबी से खुदाई कार्य प्रारंभ किया गया था। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि बीट गार्ड विश्राम लाडे़कर ने इमारती बीजा लकड़ी सहित अन्य पेड़ों की कटाई कर रातों-रात परिवहन भी करा दिया। जिसका खुलासा ग्रामीणों की सूझबूझ के कारण हुआ। ग्रामीणों ने तालाब निर्माण कार्य की जानकारी होने पर मौके पर जोंधरूटोला, भगवानटोला, घोरतालाब के सैकड़ों महिला-पुरुष मनरेगा के तहत हमें रोजगार मिलना चाहिए कहते हुए पहुंचे थे तभी आसपास के पेड़ों को देखकर ग्रामीणों को शंका हुआ और जांच-पड़ताल में जुट गए देखा तो मौके से आठ पेड़ों का ठूंठ मिला पर उसकी लकड़ी यहां तक पेड़ों की टहनियों को गायब कर दिया गया था वहीं इमारती लकड़ी बीजा को परिवहन करते नहीं बना तो मिट्टी में दबा दिया गया था। ग्रामीणों ने मिट्टी को हटाकर देखा तो सभी दंग रह गए। जिसके बाद अन्य लकड़ी महुआ, साजा जैसे पेड़ों को काटकर तस्करी कर चुके थे। कोई सोचा भी नहीं था कि रक्षक ही भक्षक बन जाएगा।
ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र के बीट गार्ड ग्रामीणों को जलाऊ लकड़ी तक नहीं ले जाने देता है और खुद इमारती लकड़ियों को रातों-रात कटवा कर तस्करी करने में लगा है वहीं जो तालाब निर्माण कार्य कराया जा रहा है उसमें भी बीट गार्ड के जेसीबी माजदा को उपयोग में लिया जा रहा है। ऐसे ही ना जाने और भी कार्य वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी मिलकर शासन को चूना लगाने में लगे होंगे। लकड़ी तस्करी का खुलासा होने के बाद वन विभाग में हड़कंप मच गया और वन विभाग के एसडीओ पुष्प लता टंडन, डिप्टी रेंजर राजेंद्र श्रीवास्तव सहित अन्य कर्मचारी पहुंचे और बीजा पेड़ का माप कर पंचनामा तैयार कर संबंधित लोगों के ऊपर जांच के बाद कड़ी कार्यवाही करने ग्रामीणों ने मांग की है। अब देखना है कि वन विभाग के आला अधिकारी इस प्रकार के गंभीर लापरवाही बरतने वालों के ऊपर क्या कार्यवाही करते है कि लीपापोती कर मामले को दबाने का प्रयास किया जाता है।
