बैगा समाज के जिलाध्यक्ष कामू बैगा ने अपने साथियों के साथ आवेदन जिलाधीश कबीरधाम को सौंपा
कबीरधाम। यूं तो भोरमदेव धर्मनगरी कवर्धा का पवित्र धार्मिक स्थल है, परंतु कई आसामाजिक तत्व इस धार्मिक स्थल को अपवित्रता की ओर धकेलने में कोई कसर नहीं छोड़ते । बात कुछ ऐसी है कि दिनांक 20 जनवरी 2022 को बैगा समाज के जिलाध्यक्ष कामू बैगा ने अपने साथियों के साथ एक आवेदन जिलाधीश कबीरधाम को सौंपा है, जिसमें यह उल्लेख है कि किस तरह से संचालको के हत्थे भोरमदेव मंदिर अव्यवस्था व अपवित्रता का शिकार हो रहा है।
उन्होने लिखा है, भोरमदेव मंदिर के व्यवस्थापक प्रमोद दुबे के द्वारा मंदिर के चढ़ोत्तरी के पैसे को गबन किया जा रहा है ग्राम चौरा के आवेदकों ने इसका जिक्र करते हुए कहा है कि सावन महीने में लाखों रुपयों की हेरा फेरी की है। व्यवस्थापक प्रमोद दुबे को दायित्व है कि चढ़ोत्तरी की राशि को नियमतः भोरमदेव तीर्थ प्रबंध कमेटी के खाता जो कि बैंक ऑफ बड़ौदा में है उसमें जमा करवाएं। लेकिन पिछले वर्ष के सावन महिने की चढ़ोत्तरी राशि प्रमोद दुबे द्वारा दो लाख सत्तर हजार रुपये, प्रबंध कमेटी के खाते में तथा उसी दिनांक को 2 लाख 7 हजार रुपये अपने निजी खाते में डाल कर गबन कर ली जाती है। महज 8000 रूपये मानदेय होने के बावजूद 2 लाख से अधिक रुपये निजी खाते में जमा होना इस बात की ओर संदेह प्रकट करता है कि राशि का गबन हुआ है व श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाई गई राशि का दुरुपयोग हुआ है।
वहीं आवेदक गणों द्वारा यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि मंदिर में बाहर से आये हुए श्रद्धालुओं के उपयोग हेतु परिसर में धरमशाला है जिसका संचालन प्रबंध कमेटी के प्रमोद दुबे की ही है धरम शाला का भी दुरुपयोग किया जा रहा है, मंदिर की पवित्र धर्मशाला अय्याशी के अड्डे में तब्दील हो गया है। धर्मशाला के चारों ओर अंदर परिसर में शराब की बोतलें और फैले कंडोम अय्याशी कर अपवित्रता फैलाने की ओर इशारा करती हैं। आरोप लगाया है कि जिम्मेदारी भूलकर अपने दोस्तों के साथ मिलकर धर्मशाला का उपयोग रात्रि में पार्टी करने व स्त्री सहवास शयन क्रीड़ा का मजा लेने में किया जा रहा है।
भोरमदेव मंदिर छत्तीसगढ़ का खजुराहो है तथा पवित्र धार्मिक स्थल है, इस तरह की आसामाजिक गतिविधियों से पवित्रता धूमिल हो रही है, बैगा समाज के जिलाध्यक्ष कामू बैगा ने कहा कि ऐसे गलत व्यक्तियों पर कार्यवाही हो व न्यायिक जांच कर उन्हें दंडित किया जाए। उक्त खबर की सत्यता की जांच के लिए वहाँ पहुंचने पर जो तस्वीरें सामने आई हैं, उनसे अंदाजा लगाया जा सकता है कि मंदिर समिति के अंतर्गत आने वाली धर्मशाला में किस स्तर पर असामाजिक कार्यों को अंजाम दिया जा रहा है। अब देखना यह होगा कि भोरमदेव मंदिर को अपवित्रता की ओर जाने से बचाने पर सरकार कौन सा महत्वपूर्ण कदम उठाती है।

Bureau Chief kawardha