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राजनांदगांव। स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर बुधवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद राजनांदगांव द्वारा युवा दिवस मनाया गया। सर्वप्रथम शीतला मंदिर प्रांगण में स्वामी विवेकानंद जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश सहमंत्री चिन्टू सोनकर ने अपने उद्बोधन में कहा कि स्वामी विवेकानंद के जयंती को अभविप ‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ के रूप में मनाता है. स्वामी विवेकानंद महान दार्शनिक, आध्यात्मिक और सामाजिक नेताओं में से एक थे. उनकी जयंती को पूरा देश राष्ट्रीय युवा दिवस के रुप में मनाता है. स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी, 1863 को कोलकाता में हुआ था. वे एक सच्चे राष्ट्रभक्त थे. उनका देशप्रेम किसी से छिपा नहीं है. वह लोगों की मदद करने से कभी भी पीछे नहीं हटते थे, बल्कि लोगों की सेवा करने को वह ईश्वर की पूजा करने के बराबर मानते थे. स्वामी विवेकानंद आज भी करोड़ों युवाओं को प्रेरणा देते हैं।

श्री सोनकर ने बताया कि स्वामी विवेकानंद जी का यह विचार था कि पढ़ने के लिए जरूरी है एकाग्रता, एकाग्रता के लिए जरूरी है ध्यान. ध्यान से ही हम इन्द्रियों पर संयम रखकर एकाग्रता प्राप्त कर सकते है। नगर मंत्री शनुध मिश्रा ने कहा कि प्रत्येक युवाओं के लिए स्वामी जी ने कहा था कि उठो और जागो और तब तक रुको नहीं जब तक कि तुम अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लेते। उक्त कार्यक्रम में मुख्य रूप से चंदना श्रीवास्तव, प्रदीप झा, आशीष सोरी, निकिता श्रीरंगे,हरीश साहू,सौरभ रात्रे, सोहन साहू,नंदकुमार रजक,जीत प्रजापति,गुणवत सिंग ठाकुर, हितेश, विकाश साहू,वैभव व अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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