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भाजपा कार्यकर्ताओं ने घरों व दुकानों में जाकर बांटी मोमबत्ती,

भाजपा कार्यकर्ता बोले:- कांग्रेस आई – बिजली गई…

■इसके बाद भी व्यवस्था नहीं सुधरी तो आगे भाजपाई चलाएंगे हस्ताक्षर अभियान
■सोशल डिस्टेंसिंग भूले: शहर के गांधी मैदान से मार्केट लाइन होते हुए बस स्टैंड तक घूमे कार्यकर्ता

कवर्धा:- शहर समेत ग्रामीण क्षेत्रों में एक महीने से आए दिन फाल्ट व अन्य तकनीकी कारणों से बार-बार बिजली बंद हो रही है। मेंटेनेंस के बावजूद बिजली व्यवस्था में सुधार नहीं हो पा रहा है। इसे लेकर भाजपा और युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को लालटेन मार्च निकालकर अनोखा प्रदर्शन किया। घरों व दुकानों में जाकर लोगों को मोमबत्तियां बांटी और कहा कांग्रेस आई, बिजली चली गई। इस अनोखे प्रदर्शन की शुरुआत शहर के गांधी मैदान से की गई। हाथ में लालटेन लिए भाजपा पदाधिकारी व कार्यकर्ता मार्केट लाइन से होते हुए बस स्टैंड तक पहुंचे। इस दौरान घरों, दुकानों में लोगों को मोमबत्तियां बांटी गई।

प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया। कई कार्यकर्ताओं ने नाक व मुंह को ढंकने मास्क भी नहीं पहना था। भाजपा जिलाध्यक्ष अनिल सिंह ठाकुर ने कहा कि गांवों की तो दूर शहर में ही कई बार बिजली बंद हो रही है और अधिकारी खराब मौसम को दोष दे रहे हैं। व्यवस्था नहीं सुधरी, तो आगे हम हस्ताक्षर अभियान चलाएंगे।

मेंटेनेंस के लिए तीन बार बिजली बंद की फिर भी हल्की बारिश से हो रहा फॉल्ट
भाजयुमो जिलाध्यक्ष पीयूष सिंह ने कहा कि मानसून पूर्व शहर में बिजली लाइनों का मेंटेनेंस कराया गया था। 3 बार मेंटेनेंस के लिए सभी फीडर बंद किए गए। फिर भी हल्की बारिश होने या हवा में बिजली बंद हो जाती है। शिकायत के लिए कॉल करने पर अधिकारी फोन रिसीव नहीं करते हैं। प्रदर्शन में भाजपा जिला उपाध्यक्ष संतोष पटेल, महामंत्री वीरेंद्र साहू, भुनेश्वर चंद्राकर, शहर अध्यक्ष युवा मोर्चा अनिल साहू, मिथलेेेश बंजारे, अमित चंद्रवंशी, संदीप गुप्ता, सुनील मानिकपुरी, अरविंद वर्मा, नीलेश आदि मौजूद रहे।

कृषि व आबादी क्षेत्र के 45 फीडरों को करना था अलग 10 साल में 20 ही कर पाए, इसकी वजह से दिक्कत
हाई वोल्टेज डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (एचवीडीएस) योजना के तहत कृषि व आबादी क्षेत्र के 45 फीडरों को अलग करना था। ताकि लाइनों में फाल्ट और लो- वोल्टेज की समस्या को दूर किया जा सके। वर्ष 2011 में इसकी शुरुआत की गई। लेकिन बीते 10 साल में सिर्फ 20 फीडर ही अलग हो पाए हैं। जबकि 25 फीडरों को अलग नहीं किया जा रहा है।

इसके कारण सिंचाई पंपों के चलने से फीडरों पर लोड बढ़ रहा है। पिछले दिनों मानसून ब्रेक के चलते लगभग 8 दिन तक बारिश नहीं हुई। किसानों के सिंचाई पंप चलाने पर ओवर कैपेसिटी (क्षमता से ज्यादा लोड) के कारण लाइनों में फाल्ट, ट्रिपिंग से बार- बार बिजली बंद और लो- वोल्टेज की समस्या बढ़ गई है। इधर लोगों का कहना है कि बिजली समस्या से हमें जल्द राहत दिलाई जाए। हालांकि, बिजली कंपनी के ईई एएल उइके का कहना है कि टेंडर होते जा रहे हैं और फीडरों को अलग किया जा रहा है।

कई-कई घंटे बिजली बंद होने से जिस घर में औसत बिल 700 रुपए आता था, वहां इस महीने 110 रुपए आया
बिजली कुप्रबंधन को समझने के लिए शहर के लगे लालपुर कला पंचायत चले आईए। यहां लालपुर नर्सरी मोड़ पर 16 केवीए का एक ट्रांसफार्मर लगा है। यहां 4 सिंचाई पंप के अलावा घरेलू कनेक्शन भी दिए गए हैं। सिंचाई पंपों के चलने से लोड बढ़ने पर लो- वोल्टेज और आए दिन लाइनों में फाल्ट से बिजली बंद हो रही है।

 

 

 

By Rupesh Mahobiya

Bureau Chief kawardha

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