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राजनांदगांव। किसान हितैषी होने का दावा करने वाले कांग्रेसियों के राज में ही सोसाइटियों में किसानों से अवैध उगाही हो रही है। जिला प्रशासन की माने तो सोसाइटियों में धान को पलटी करने के एवज में हमालों द्वारा कोई राशि नहीं लेना है, लेकिन सोसाइटियों में किसानों से 5 से 8 रुपए तक प्रति क्विंटल राशि ली जा रही है। इसमें सहकारी समितियों द्वारा भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इसके अलावा स्थानीय जनप्रतिनिधि भी खामोश बैठे हैं, तो विपक्षी भी गरीब किसानों के साथ हो रहे अन्याय और लूट के विरोध में आवाज नहीं उठा रहे हैं। इस तरह की शिकायत सामने आने के बाद भी जिला प्रशासन की ओर से अब तक कोई जांच या कार्रवाई नहीं की गई है। यही कारण है कि भोले-भाले किसानों को जमकर लूटा जा रहा है।

अफसरों को झांकने तक की फूर्सत नहीं

उपार्जन केंद्रों में हो रही धान खरीदी को लेकर शुरुआत से ही व्यवस्था बनाने में जिला प्रशासन नाकाम साबित हो रहा है। जिला प्रशासन द्वारा खरीदी केंद्रों के निरीक्षण के लिए कृषि विस्तार अधिकारी से लेकर एसडीएम और तहसीलदारों को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है। ये अधिकारी-कर्मचारी उपार्जन केंद्रों में झांकने तक नहीं पहुंच रहे हैं। यही वजह है कि खरीदी केंद्रों में समिति प्रभारी और कर्मियों की मनमानी हावी

बेमतलब बनाई गई निगरानी समिति

इसके बाद भी किसानों से सीधे लूट करने वाले कर्मचारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। बता दें कि कट्टा पलटी के नाम पर खरीदी केंद्रों में अलग-अलग ढंग से राशि वसूलने का मामला लगातार सामने आ रहा है, बावजूद इसके किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा रही है। वहीं धान खरीदी समिति के लिए बनाई गई निगरानी समिति के जनप्रतिनिधि भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।

सूचना पटल में नहीं है पूरी जानकारी

गौरतलब है कि 1 नवंबर से पूरे प्रदेश में शासन द्वारा उपार्जन केंद्रों के माध्यम से किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की जा रही है। सोसाइटियों में धान की कीमत के अलावा नमी सहित अन्य जानकारियों को लिखकर पोस्टर लगाया गया है, लेकिन तौलाई करने वाले हमाल को कितनी राशि देनी है या नहीं देनी है। इस संबंध में कोई जानकरी नहीं है। यही कारण है कि भोले-भाले किसान सोसाइटियों में लगातार लूटे जा रहे हैं।

पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं

मिली जानकारी अनुसार जिले में कई सोसाइटी ऐसे हैं, जहां किसानों के बैठने के लिए भी व्यवस्था नहीं है। इसके अलावा कई केंद्रों में पानी तक की व्यवस्था नहीं है। सुबह से आए किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए देर रात तक इंतजार करना पड़ रहा है। इसके बाद भी व्यवस्था में सुधार लाने के लिए प्रशासन द्वारा कुछ नहीं किया जा रहा।

डीओ पर ध्यान नहीं, केंद्रों में धान जाम

उपार्जन केंद्रों से धान के उठाव को लेकर भी मार्कफेड व्यवस्था सुनिश्चित करने में नाकाम साबित हो रहा है। मार्कफेड के अधिकारी मिलरों को डीओ जारी कर अपनी जिम्मेदारी से इतिश्री कर लिए हैं। मिलरों पर धान के उठाव के लिए कड़े निर्देश नहीं दे रहे। इस वजह से उपार्जन केंद्रों में लाखों क्विंटल धान पड़े हुए है, इससे केंद्रों में जाम की स्थिति है, जिससे खरीदी की प्रक्रिया में देरी हो रही है और देर रात तक तौलाई का काम हो रहा है, जिससे किसान परेशान हो रहे है।

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     कर्णकांत श्रीवास्तव

        (B.J.M.C.)

सीनियर जर्नलिस्ट, मुख्य संपादक- एक्स रिपोर्टर न्यूज वेबसाइट, ब्यूरोचीफ- दैनिक सत्यदूत संदेश, जिला मीडिया प्रभारी- राजनांदगांव जिला पत्रकार महासंघ एवं विशेष सदस्य- प्रेस क्लब, राजनांदगांव।  मो. 9752886730   

 

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