राजनांदगांव। लंबे समय से चल रहे शिवनाथ नदी से रेत उत्खनन मामले को लेकर ग्राम बाकल के ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश फूट पड़ा है। सोमवार को सरपंच की अगवाई में ग्राम प्रमुखों ने बैठक कर उत्खनन पर रोक लगाने का निर्णय लिया है। ग्रामीणों का आरोप है कि ठेकेदार द्वारा बिना किसी परमिशन के नदी से रेत निकाला जा रहा है, जिस पर कार्रवाई होना आवश्यक है।
ग्राम पंचायत सरपंच भारत पटेल, ईश्वर सिन्हा, तीरथ पटेल, खिलेश्वर निषाद, अशोक सिन्हा, टेकू सिन्हा सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि शिवनाथ नदी से पिछले 8 महीने से रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है। ठेकेदार के पास उत्खनन के लिए पर्याप्त दस्तावेज नहीं है फिर भी मनमानी पूर्वक रेत खनन कराया जा रहा है। इस मामले को लेकर रविवार को ग्रामीणों में आक्रोश फूट पड़ा और उन्होंने रेत परिवहन में लगी ट्रकों को रोक दिया। इसी सिलसिले में सोमवार सुबह बैठक रखी गई और रेत उत्खनन बंद करवाने का निर्णय लिया गया।
पंचायत को नहीं मिल रहा राजस्व
ग्रामीणों के अनुसार पंचायत सीमा में होते हुए भी रेत उत्खनन का राजस्व प्राप्त नहीं हो रहा है ठेकेदार द्वारा गांव में विकास कार्य करवाने की बात कही गई थी वह भी अब तक पूरा नहीं हुआ है ऐसे में ग्रामीणों का नाराज होना लाजमी है।
दिल्ली से लीज मिलने की बात कहता है ठेकेदार: सरपंच
सरपंच भारत पटेल सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि नियम विपरीत तरीके से शिवनाथ नदी से रेत निकासी का कार्य किया जा रहा है। ठेकेदार ने रेत निकासी के लिए अत्यधिक हॉर्स पावर का सक्शन मोटर जनरेटर लगा रखा है जिसके जरिए मोटे पाइप से पानी के साथ रेत निकासी की जा रही है। इस कार्य के लिए नदी के बीचोबीच पाइपलाइन का विस्तार किया गया है। इस तरह की रेत निकासी से नदी की तलहटी काफी गहरी हो चुकी है साथ ही बधान बनाकर नदी की धारा को रोक दिया गया है। इससे जल प्रदूषण बढ़ गया है। सीधे कहे तो पर्यावरण संरक्षण नियम को ताक पर रखकर रेत उत्खनन ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है।
आंख मूंदे बैठे है खनिज विभाग के अफसर
सरपंच और ग्रामीणों की माने तो उन्होंने मामले को लेकर कई बार खनिज विभाग और जिला प्रशासन से शिकायत की लेकिन अभी तक किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई है। ऐसे में शासन प्रशासन के प्रति ग्रामीणों का आक्रोश बढ़ रहा है।
