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डेयरी व्यवसाय से प्रतिमाह लगभग 83 हजार रूपए की आमदनी कर रहे हैं ईश्वर

धुन के पक्के ईश्वर  ने डेयरी व्यवसाय के क्षेत्र में लिखी सफलता की नई ईबारत

  • शासन की योजना से उन्हें मिली भरपूर मदद
  • कोशिशों से बदली जिन्दगी, डेयरी व्यवसाय के सफल उद्यमी के रूप में हुए स्थापित
  • वैज्ञानिक तरीकों को अपनाकर दुग्ध उत्पादन में की बढ़ोतरी

राजनांदगांव। अपनी कोशिशों से जिन्दगी बदलने की जिद के कारण मोहला विकासखंड के सुदूर वनांचल ग्राम मोहला के ईश्वर राम यादव डेयरी व्यवसाय के सफल उद्यमी के रूप में स्थापित हुए। शासन की योजना से उन्हें भरपूर मदद मिली और धुन के पक्के ईश्वर राम ने डेयरी व्यवसाय के क्षेत्र में सफलता की नई ईबारत लिखी। उन्होंने अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत किया और आज डेयरी व्यवसाय से उन्हें प्रतिमाह लगभग 83 हजार रूपए की आमदनी हो रही है। शासन के सहयोग से पशुधन विकास विभाग राजनांदगांव द्वारा उन्हें डेयरी व्यवसाय खोलने हेतु एवं उन्नत नस्ल के पशुओं, खानपान, पशुरोग निवारण, पशु प्रजनन एवं चारा उत्पादन के संबंध में जानकारी दी गई। राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना के अंतर्गत उन्हें 6 लाख रूपए का बैंक से ऋण मिला जिससे उन्होंने अपना व्यवसाय बढ़ाया। उन्होंने पांच उन्नत नस्ल की गाय खरीदी एवं विभाग के द्वारा कृत्रिम गर्भाधान द्वारा वर्तमान में 17 उन्नत नस्ल की गाय रखकर डेयरी व्यवसाय स्थापित किया है।

ईश्वर ने पशुदाना के खर्च को कम करने के लिए विभाग द्वारा प्राप्त हायब्रिड नेपियर लगाकर पर्याप्त मात्रा में चारा उत्पादन किया। उन्होंने विभाग के डॉक्टरों द्वारा स्थानीय स्तर पर मिलने वाले सहायता से आधुनिक उपायों को अपनाकर पशुपोषण के लिए कार्य किया तथा दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा दिया। श्री ईश्वर ने नेपियर के चारे की उपयोगिता बढ़ाने एवं चारे के वेस्टेज कम करने के लिए उन्हें विभाग द्वारा राष्ट्रीय लाईव स्टॉक मिशन योजना अंतर्गत वितरित विद्युत चलित चॉफ कटर 60 हजार रूपए अनुदान राशि पर दिया गया, जिससे दूध उत्पादन में बढ़ोतरी हुई। दाने की लागत को कम करने के लिए एवं पैरा की पौष्टिकता बढ़ाने के लिए विभाग के सहयोग से उन्होंने पैरा यूरिया उपचार कर दूध उत्पादन का एक और वैज्ञानिक तकनीक अपनाया। आज की स्थिति में श्री ईश्वरराम यादव प्रतिदिन 80 लीटर दुग्ध उत्पादन कर 40 रूपए प्रति लीटर की दर से बाजारों में बिक्री कर रहे हैं। साथ ही साथ बचे हुए दूध का खोवा उत्पादन किया जा रहा है। जिसे बाजार में 400 रूपए प्रति किलो की दर से विक्रय रहे हैं।

By Amitesh Sonkar

Sub editor

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