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कवर्धा में स्वर्णिम विजय वर्ष स्मरणोत्सव का आयोजन 12 अक्टूबर को

कवर्धा। 1971 के युद्ध के दौरान पाकिस्तान पर अपनी शानदार जीत का 50 वां वर्ष (स्वर्ण जयंती) उत्सव पूरे भारत में “स्वर्णिम विजय वर्ष स्मरणोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। कबीरधाम जिले में आगामी 12 अक्टूबर को राष्ट्रीय महत्व के आयोजन स्वर्णिम विजय वर्ष स्मरणोत्सव को गरिमापूर्ण ढंग से मनाया जाएगा।

कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा ने इसी बैठक लेकर आयोजन की प्रारंभिक तैयारियों की चर्चा की। बैठक में बताया गया कि आगामी 12 अक्टूबर को कवर्धा के वीर सावरकर भवन में इसका आयोजन किया जाएगा।
बैठक में बताया गया कि यह आयोजन उन सैनिकों के साहस और बलिदान के लिए एक श्रद्धांजलि है जिन्होंने युद्ध में भाग लिया। 1971 के युद्ध भाग लेने वाले हमारे बहादुर सैनिकों को सम्मान देने और जनता, विशेष रूप से युवा पीढ़ी में गर्व की भावना पैदा करने के लिए दिल्ली से रवाना हुए स्वर्णिम विजय मशाल का छत्तीसगढ़ में कबीरधाम जिले में इसका पूरे सम्मान से स्वागत किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ के प्रवेश द्वार कहे जाने वाले कबीरधाम के चिल्फी से गुजरे वाले राष्ट्रराज मार्ग होते हुए स्वर्णिम विजय मशाल छत्तीसगढ़ पहंुंचेगा। विजय मशाल का स्वागत करने के लिए कलेक्टर के निर्देश पर एनसीसी और एनएसएस के टीम विशेष जिम्मेदारी दी गई है। आयोजन को पूर्ण रूप से देशभक्ति के रूप देने के लिए स्कूली और कॉलेज के छात्र-छात्राओं द्वारा देशभक्ति पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। बैठक में भारतीय सेना कार्यालय से मनोज झा, जिला पंचायत सीईओ विजय दयाराम के, कवर्धा एसडीएम विनय सोनी, सीएमएचओ मंडल, नगर पालिका अधिकारी व कालेज के प्रोफेसर विशेष रूप से उपस्थित थे।

बताया गया कि भारत-पाक युद्ध 3 दिसंबर 1971 को शुरू हुआ। इस अवसर को मनाने के लिए, युद्ध में भाग लेने वाले हमारे बहादुर सैनिकों को सम्मान देने और जनता, विशेष रूप से युवा पीढ़ी में गर्व की भावना पैदा करने के लिए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “स्वर्णिम विजय मशाल” जलाया। दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर विजय दिवस 2020 पर चार ज्वलंत विजय मशालें जलाई गई। ये मशालें युद्ध नायकों के गांवों सहित भारत के विभिन्न हिस्सों में चार दिशाओं में अपनी यात्रा पर हैं।

छत्तीसगढ़ वह भूमि है, जिसमें 40 से अधिक युद्ध नायक हैं जिन्होंने 1971 के युद्ध में भाग लिया है

कर्नल रजत मोहन भट्ट द्वारा जारी प्रेस नोट में बताया गया है कि छत्तीसगढ़ वह भूमि है जिसमें 40 से अधिक युद्ध नायक हैं जिन्होंने 1971 के युद्ध में भाग लिया है। “स्वर्णिम विजय मशाल“ 12 से 19 अक्टूबर 2021 तक छत्तीसगढ़ में यात्रा करेगा। राज्य में विभिन्न स्मारक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनमें पूर्व सैनिकों को सम्मानित किया जाएगा। बैंड प्रदर्शन, युद्ध इतिहास प्रदर्शनी, उपकरण प्रदर्शन, त्योहार, स्कूल और साहसिक गतिविधियां भी आयोजित की जाएंगी।

By Rupesh Mahobiya

Bureau Chief kawardha

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