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मरका स्वास्थ्य केंद्र की भूमि पर अवैध कब्जे का आरोप, दो वरिष्ठ महिला स्वास्थ्यकर्मियों के तबादले की आशंका से ग्रामीणों में आक्रोश

कवर्धा। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मरका, जो बीते एक दशक से ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा की रीढ़ बना हुआ है, अब भूमिविवाद और प्रशासनिक दबावों के चलते विवादों में आ गया है। स्वास्थ्य केंद्र की शासकीय भूमि पर कथित अतिक्रमण और दो वरिष्ठ महिला स्वास्थ्यकर्मियों के स्थानांतरण की संभावित कार्रवाई ने ग्रामीणों को आंदोलित कर दिया है।

ग्राम मरका निवासी ऋषिकुमार जयसवाल द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की भूमि पर भवन निर्माण किए जाने का मामला सामने आया है। यह भूमि शासन के स्वामित्व में है और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आरक्षित है। संस्था प्रभारी पूजा केशरवानी ने उक्त अतिक्रमण की शिकायत सुशासन तिहार के दौरान प्रशासन के समक्ष प्रस्तुत की थी।

शिकायतकर्ता बने निशाना

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, अतिक्रमण की शिकायत के बाद पूजा केशरवानी (आर.एम.ए.) एवं कुसुमलता धुर्वे (आर.एच.ओ. महिला) को लक्ष्य बनाते हुए उनके विरुद्ध झूठी शिकायतें दर्ज कराई गईं हैं, जिनके आधार पर उन्हें स्थानांतरित किए जाने की प्रक्रिया प्रारंभ की जा सकती है।

ग्रामीणों का आरोप है कि यह समूचा घटनाक्रम एक सुनियोजित प्रतिशोध है, जिसका उद्देश्य न केवल शिकायतकर्ता को दबाना है, बल्कि शासकीय स्वास्थ्य संपत्ति पर कब्जा बनाए रखना भी है।

मरका क्षेत्र के नागरिकों ने इस घटनाक्रम का पुरजोर विरोध करते हुए उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा को एक सामूहिक ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में मांग की गई है कि दोनों स्वास्थ्यकर्मियों को यथावत मरका में पदस्थ रखा जाए एवं अस्पताल परिसर की भूमि पर हो रहे अतिक्रमण की निष्पक्ष जांच की जाए।

पूजा केशरवानी और कुसुमलता धुर्वे विगत दस वर्षों से मरका स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत हैं और गांव में ही निवास कर 24×7 सेवाएं दे रही हैं। इनकी सेवाओं की प्रशंसा अनेक बार स्थानीय स्तर पर की गई है। ग्रामीणों की चिंता है कि इन कर्मचारियों को हटाए जाने से क्षेत्र की प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित होंगी।

प्रशासन से जवाबदेही की मांग

ग्रामीणों ने यह मुद्दा स्थानीय विधायक भावना बोहरा, जिला कलेक्टर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, महिला आयोग और जिला पंचायत सदस्य के समक्ष भी उठाया है। अब सबकी निगाहें प्रशासन पर हैं कि वह अतिक्रमण एवं शिकायत की वास्तविकता की जांच कर सच्चाई को सामने लाता है या दबाव में आकर निर्णय लेता है।

 

By Rupesh Mahobiya

Bureau Chief kawardha

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