टेट उत्तीर्ण अभ्यर्थी की अनदेखी, अपात्र को अध्यापन अनुमति देने पर विवाद
शिक्षा विभाग के आदेश की अवहेलना, मिलीभगत के आरोप, निष्पक्ष जांच और कार्रवाई की मांग
कवर्धा। पंडरिया विकासखंड के ग्राम उदका में प्राथमिक शाला में अध्यापन अनुमति को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। टेट (TET) और बी.एड (B.Ed) उत्तीर्ण संजय दास मानिकपुरी के आवेदन को दरकिनार कर अपात्र सावित्री साहू को अध्यापन की अनुमति दिए जाने पर शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। इस मामले में मिलीभगत और आदेशों की अवहेलना के आरोप लग रहे हैं, जिससे पूरे क्षेत्र में नाराजगी व्याप्त है।
आदेश के बावजूद अपात्र को मिली नियुक्ति
संजय दास मानिकपुरी ने प्राथमिक शाला में अध्यापन अनुमति के लिए सभी आवश्यक दस्तावेज— 10वीं, 12वीं, बी.एड, टेट प्रमाण पत्र, जाति व निवास प्रमाण पत्र जमा किए थे। बावजूद इसके, उनकी पात्रता को दरकिनार कर टेट अयोग्य सावित्री साहू को नियुक्त कर दिया गया। इस फैसले के खिलाफ उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) को शिकायत दी, जिसके बाद 14 जनवरी 2025 को आदेश जारी कर जांच के निर्देश दिए गए थे।
जिला शिक्षा अधिकारी ने विकासखंड शिक्षा अधिकारी (BEO), प्रधान पाठक और एसडीएम पंडरिया को पत्र भेजकर नियमों के अनुरूप पात्र अभ्यर्थी को नियुक्त करने के निर्देश दिए थे। लेकिन, शिक्षा विभाग के स्थानीय अधिकारियों ने इस आदेश की अनदेखी करते हुए पहले से ही नियुक्त सावित्री साहू को अध्यापन जारी रखने दिया।
शिक्षा विभाग के नियमों की अनदेखी
नियमानुसार, प्राथमिक विद्यालय में अध्यापन के लिए टेट और बी.एड उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। लेकिन प्रधान पाठक और विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने इस नियम को ताक पर रखते हुए अपात्र अभ्यर्थी को अध्यापन की अनुमति दे दी। जब संजय दास मानिकपुरी ने प्रधान पाठक से इस पर जवाब मांगा तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि वे केवल बीईओ के आदेश का पालन करेंगे और अन्य किसी अधिकारी के निर्देशों के प्रति बाध्य नहीं हैं।
मिलीभगत और धांधली के आरोप
इस पूरे मामले में प्रधान पाठक और विकासखंड शिक्षा अधिकारी पर मिलीभगत और मनमानी के गंभीर आरोप लग रहे हैं। प्रार्थी संजय दास का आरोप है कि अधिकारियों ने सांठगांठ कर योग्य अभ्यर्थी को वंचित कर अपात्र को लाभ पहुंचाया। यह न केवल शिक्षा विभाग के नियमों का उल्लंघन है, बल्कि योग्य युवाओं के अधिकारों का भी हनन है।
निष्पक्ष जांच और कार्रवाई की मांग
संजय दास मानिकपुरी ने विधायक भावना बोहरा से इस मामले में दखल देकर अयोग्य अभ्यर्थी की नियुक्ति निरस्त करने और उन्हें अध्यापन अनुमति दिलाने की मांग की है। इसके साथ ही, उन्होंने उच्चाधिकारियों के आदेशों की अनदेखी करने वाले प्रधान पाठक और विकासखंड शिक्षा अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की है।
यह मामला शिक्षा विभाग की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े करता है। यदि दोषियों पर उचित कार्रवाई नहीं होती, तो यह भविष्य में और भी नियमों की अनदेखी और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला उदाहरण बन सकता है।

Bureau Chief kawardha