राजनांदगांव। छात्र युवा मंच प्रदेश प्रमुख चंद्रभान जंघेल व नवीन प्रदेश अध्यक्ष माधव साहू के उपस्थिति में आरटीओ में हो रही अवैध वसूली के संबंध में जिलाधीश को ज्ञापन सौंपा। जिले मे स्थित आर टी ओ विभाग मे पदस्थ अधिकारी कर्मचारी आपसी साठगांठ कर लायसेंस बनाने वाले छात्र युवा व लायसेंस बनाने के कार्य से जुड़े लोगो से अवैध वसूली का कार्य कर रहें हैं।
प्रदेश प्रमुख चंद्रभान ने बताया कि वाहन लायसेंस की प्रक्रिया निम्न अनुसार हैं लर्निंग लायसेंस 2 व्हीलर – ऑनलाइन फीस – 205 रूपये और 4 व्हीलर – ऑनलाइन फीस – 356 रूपये आरटीओ विभाग या परिवहन सुविधा केंद्र से बनाया जाता हैं परमानेंट लायसेंस – आर टी ओ विभाग से बनाया जाता हैं जिसकी प्रक्रिया व शुल्क निम्न अनुसार हैं टू व्हीलर लर्निंग लाइसेंस ₹205 फीस 2 + 4 व्हीलर लर्निंग लाइसेंस फीस 355.90 पैसा, टू व्हीलर परमानेंट फीस 750 रुपया
2 + 4 व्हीलर परमानेंट फीस 1050 है।
प्रदेश अध्यक्ष माधव राम साहू ने बताया कि स्कूटनी – खिड़की क्रमांक 7 – नील फोटो व बायो मेट्रिक – खिड़की क्रमांक 8 – नील ,वाहन ट्रायल – ग्राउंड – नील अधिकारी हस्ताक्षर हेतु फार्म जमा – खिड़की नंबर 10 – अवैध शुल्क 100 रूपये व अधिकारी के नाम से 2 + 4 वाहन 500 रूपये अवैध शुल्क है आरटीओ विभाग मे ट्रायल के लिए किसी भी प्रकार गाडी की व्यवस्था नहीं हैं। उसके बाद भी गाड़ी ट्रायल के नाम से ऑनलाइन शुल्क लिया जाता हैं। शिकायत पत्र के आधार पर जाँच कमेटी बनाकर आर टी ओ विभाग मे कार्यवाही करने की जरूरत है। शिकायत सत्य पाए जाने पर अवैध वसूली करने वाले कर्मचारी व अधिकारी को आईपीसी नियम के तहत दण्डित व निलंबित भी किया जाए।
प्रदेश सहप्रमुख लोकेश बारापात्रे ने बताया कि व ध्यान आकर्षण किया कि खिड़की क्रमांक 10 मे कार्यरत बाबू द्वारा स्वयं व आर टी ओ अधिकारी के नाम से अवैध पैसो का मांग किया जाता हैं। साथ ही विभाग द्वारा अतिरिक्त पैसा न लेने पर लायसेंस निर्माण की प्रक्रिया को जटिल व अवैध पैसा लेकर नियम के पालन किये बिना बनाएं जाते हैं। ऐसे में पढ़े लिखे युवा भी ठगी का शिकार हो रहे हैं। ज्ञापन देने के दौरान छात्र युवा मंच प्रदेश प्रमुख चंद्रभान जंघेल, प्रदेश सहप्रमुख लोकेश बारापात्रे ,प्रदेश अध्यक्ष माधव राम साहू, प्रदेश महामंत्री भागवत वर्मा, प्रदेश मंत्री मनीष साहू, जिला उपाध्यक्ष दुष्यंत सेन,रूपेश मानिकपुरी, दुर्गेश भदौरिया एवं अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
