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एक्स रिपोर्टर न्यूज़ । राजनांदगांव

सिलसिलेवार जांच में छुरिया में संचालित श्री रामकृष्ण पैथोलॉजी लैब में गड़बड़ी की परतें खुलती जा रही है। हाल ही में एक बार फिर किए गए जांच में रिकॉर्ड में गड़बड़ी करने का खुलासा हुआ है साथ ही सबूत छिपाने के लिए संचालक द्वारा रिकॉर्ड को नष्ट कर देने की भी जानकारी सामने आई है। मामला गंभीर है कायदे से स्वास्थ्य विभाग के अफसर को संबंधित लैब का लाइसेंस निरस्त करते हुए कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए लेकिन अधिकारी संचालक को जीवन दान देने में लगे हुए हैं।

ऐसे में मामले में निष्पक्ष कार्रवाई को लेकर प्रश्न लग चुका है। स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली भी संदेह के दायरे में आ चुकी है। विभागीय सूत्रों से पता चला है कि संबंधित लैब संचालन के लिए दूसरे पैथोलॉजी डॉक्टर के शपथ पत्र के साथ लाइसेंस का नवीनीकरण कर दिया गया है।

Health reporter@राजनांदगांव: मनमानी की हद… लाइसेंस के नियमों को दरकिनार कर चला रहे लार्ज पैथोलॉजी लैब, डॉक्टर के डिजिटल सिग्नेचर से जारी कर रहे जांच रिपोर्ट, स्वास्थ्य विभाग नींद में…

जबकि होना यह था कि पहले मामले में कार्रवाई होती। यदि संचालक इस मामले से बरी हो जाता, तब उसे नए सिरे से लैब संचालन की अनुमति दी जाती। लेकिन यहां तो कार्रवाई हुई भी नहीं और दूसरे डॉक्टर के शपथ पत्र के साथ लाइसेंस का नवीनीकरण कर दिया गया।
गौरतलब है कि लार्ज लैब के नियमों को ठेंगा दिखाकर संचालित किए गए श्री रामकृष्ण पैथोलॉजी के खिलाफ अब तक ठोस कार्रवाई नहीं की जा सकी है।

Health reporter@राजनांदगांव: लार्ज लैब के नियमों को ठेंगा दिखाकर संचालित किए गए पैथोलॉजी के खिलाफ नहीं की गई ठोस कार्रवाई, जांच में बायो वेस्ट प्रबंधन की खामी भी उजागर…

जबकि पैथोलॉजिस्ट के गैर हाजिरी में डिजिटल सिग्नेचर कर रिपोर्ट जारी करने का मामला गंभीर है और जिन पैथोलॉजिस्ट डॉक्टर के नाम से श्री रामकृष्ण पैथोलॉजी छुरिया के संचालक ने लार्ज लैब लाइसेंस लिया था, वे डॉक्टर सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो चुके थे। इसके बावजूद उनके डिजिटल सिग्नेचर से पैथोलॉजी रिपोर्ट जारी होती रही। कुछ दिन बाद उन्ही पैथोलॉजिस्ट डॉक्टर के निधन की खबर आई।

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