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एक्स रिपोर्टर न्यूज । राजनांदगांव

शहर सहित जिलेभर में नियम विरुद्ध तरीके से चल रहे पैथोलॉजी लैब और ब्लड कलेक्शन सेंटर के संचालक स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के बेसुध रवैये के चलते अब मनमानी पर उतर आए है। लाइसेंस के नियमों को दरकिनार कर लार्ज स्तर पर पैथोलॉजी लैब का संचालन धड़ल्ले से किया जा रहा है। यही नहीं डॉक्टर की गैरमौजुदगी में उनके डिजिटल सिग्नेचर का इस्तेमाल कर जांच रिपोर्ट जारी किया जा रहा है।
ऐसा ही एक मामला छुरिया में सामने आया है। यहां सामुदायिक स्वास्थ केंद्र से कुछ दूरी पर श्री रामकृष्ण पैथोलॉजी लैब का संचालन किया जा रहा है। लैब संचालक ने लार्ज लैब का लाइसेंस ले रखा है, लेकिन लार्ज लैब लाइसेंस के तहत लागू नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। खून, पेशाब, मल, वीर्य, बलगम, मलेरिया, टीबी, कोरोना, टाइफाइड, किडनी, हार्ट, फेफड़ा यहां तक की कैंसर की जांच का दावा करने वाले इस लैब में पैथोलाजिस्ट डॉक्टर की भौतिक उपस्थिति के बगैर डिजिटल सिग्नेचर से जांच रिपोर्ट दिया जा रहा है। जबकि लार्ज लैब में रिपोर्ट को प्रमाणित करने के लिए डॉक्टर की भौतिक उपस्थिति आवश्यक है। सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन में भी साफ कहा गया है कि रिपोर्ट में साइन करने के लिए पैथोलॉजिस्ट का लैब में रहना जरुरी है। केवल डिजिटल साइन से पैथोलॉजिस्ट की रिपोर्ट मान्य नहीं है।

महीनों से नहीं आए डॉक्टर, डिजिटल हस्ताक्षर से चलता रहा खेल
पड़ताल में पता चला कि उक्त पैथोलॉजी लैब के लिए जिस डॉक्टर का नाम लगाया गया था, उन्होंने महीनों लैब में कदम नहीं रखा। इसके बावजूद उनके डिजिटल हस्ताक्षर से रिपोर्ट जारी करने का खेल बेधड़क चलता रहा। जानकारी यह भी मिली है कि डॉक्टर के अस्वस्थ होने की स्थिति में भी लैब से डिजिटल सिग्नेचर वाला रिपोर्ट जारी किया जाता रहा है। जो कि नियम विरुद्ध है। गौरतलब है कि जिले में पैथोलॉजी डॉक्टर की कमी होने के कारण एक ही डॉक्टर से करार कर दर्जनों पैथोलॉजी लैब का संचालन किया जा रहा है। ज्यादातर स्थानों में इसी तरह डिजिटल सिग्नेचर का इस्तेमाल कर रिपोर्ट जारी किया जा रहा है। ऐसे जांच रिपोर्ट पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। ऐसे रिपोर्ट के आधार पर इलाज कराने से लोगों को स्वास्थगत गंभीर दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

मामले की जांच कर रहे है: बीएमओ
छुरिया बीएमओ डॉ. उमेश ने कहा कि जानकारी मिलने के बाद श्रीरामकृष्ण पैथोलॉजी लैब की जांच कराई जा रही है। गड़बड़ी मिलने पर नियमसंगत कार्रवाई की जाएगी।

डॉक्टर से किया गया है करार: संचालक
श्रीरामकृष्ण पैथोलॉजी लैब के संचालक दीपक साहू ने कहा कि पैथोलॉजी डॉक्टर से करार करने के बाद ही लैब का संचालन किया जा रहा है। डॉक्टर की गैर मौजूदगी में ही हम डिजिटल सिग्नेचर का इस्तेमाल करते है।
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