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कर्णकान्त श्रीवास्तव

एक्स रिपोर्टर न्यूज। राजनांदगांव

छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन के साथ ही अफसरों की चाल भी बदल चुकी है। चुनाव परिणाम आने के बाद अफसर ऐसे जागे है, मानो कभी उन्होंने नींद ही न ली हो। अतिक्रमण के खिलाफ धड़ाधड़ कार्रवाई की जा रही है। जहां पाए वहां बेलगाम बुलडोजर चढ़ाए जा रहे हैं। लेकिन इस कार्रवाई में भी बड़ा झोल है। टारगेट सिर्फ गरीबो की गुमटी और ठेलो को किया जा रहा है। पूंजीपति अभी भी विशेष छूट के दायरे में निश्चिंत हैं। यदि मुद्दा अतिक्रमण हटाने का ही है तो उन अवैध प्लाटिंग मामलो का क्या, जिनकी शिकायतें सरकारी दफ्तर में धूल फांक रही है, चुनाव से पहले हाल ऐसा रहा कि एसडीएम हो या आयुक्त, इस मामले में कार्रवाई तो दूर उन्हें जवाब देने की फुर्सत तक नहीं थी।

प्रशासन की इस एक तरफा कार्रवाई से गरीब परिवारों के सामने दोबारा रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो चुकी है। बीते दिनों मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर से जिन गरीब लोगों की गुमटियां हटाई गई है, वे दर-दर भटकने के लिए मजबूर हो चुके है। ठेले गुमटी लगाने वालो पर नशीला पदार्थ बेचने का बेबुनियाद आरोप लगाया जा रहा है। यहां पर सवाल ये है कि जब वहां नशीले पदार्थ की खुलेआम बिक्री हो रही थी तो पुलिस क्या कर रही थी, इतने दिनों में एक भी कार्रवाई क्यों नहीं की गई, लालबाग पुलिस क्या आंखों में चश्मा चढ़ाए बैठी थी। सभी जानते है इन पांच वर्षों में शराब की अवैध बिक्री कहां-कहां होती रही और किनके संरक्षण में। महीने में हिसाब होने के बाद प्रशासनिक तंत्र झांकना तो दूर उन रास्तो से गुजरता तक नहीं था।

प्रीमियम वाइन शॉप के बगल में बना रखा था आहता
शासकीयकरण होने के बाद से छत्तीसगढ़ में आहता निर्माण पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसके बावजूद जगह-जगह चखना सेंटर खोले गए। आहता बनवाया गया। जहां बेधड़क शराब पिलवाई जा रही थी। नेशनल हाईवे से लगे रेवाडीह जाने के मार्ग पर प्रीमियम वाइन शॉप के ठीक बगल में वर्षो से अवैध आहता का संचालन किया जा रहा था, इस संबंध में समाचार भी बनाए गए, शिकायत भी की गई। तब तो आबकारी और पुलिस ने कार्रवाई नहीं की थी। और अब कार्रवाई का दिखावा कर रहे हैं।

आयुक्त ने कहा-कलेक्टर के पास जाओ
अक्टूबर में जीवन कालोनी के पीछे अवैध प्लाटिंग मामले की शिकायत आयुक्त के पास की गई थी, दो महीने होने जा रहे है। लेकिन नगर निगम ने इस मामले में कार्रवाई आज तक नहीं की। पूछने पर आयुक्त ने कह दिया कि कलेक्टर के पास भी शिकायत कर दो। जबकि अवैध प्लाटिंग से जुड़े मामलों में त्वरित कार्रवाई के लिए निगम आयुक्त को विशेषाधिकार दिया जा चुका था। इसके पहले भी अवैध प्लाटिंग को लेकर नगर निगम और एसडीएम कार्यालय में शिकायत की गई, लेकिन आज तक इन मामलों में कार्रवाई नहीं हो पाई।

ममता नगर इंडस्ट्रियल एरिया में भी है अतिक्रमण
अब जब अतिक्रमण पर कार्रवाई की बात चल ही रही है तो फिर ममता नगर इंडस्ट्रियल एरिया इससे अछूता क्यों है? इस मामले को लेकर ढेरो समाचार बनाने और लिखित शिकायत करने के बाद भी अफसर खामोश है। हर बार पूछने पर कार्रवाई का आश्वासन दिया जाता है लेकिन कार्रवाई होती नहीं है। ऐसे में प्रशासन के इस दोहरे रवैये को क्या कहा जाए? बता दें कि राजनांदगांव ममता नगर इंडस्ट्रियल एरिया में सरकारी लीज भूमि पर वर्षों से काबिज उद्योगपतियों की मनमानी चरम पर है। लीज के नियम शर्तों को दरकिनार कर उद्यमियों ने उक्त भूमि पर मकान, शोरूम और गौठान बना रखा है। यही नहीं भूमि को किसी दूसरे उद्यमी को किराए पर देकर लीज धारक मोटा किराया वसूल रहे हैं। शहर के सबसे पॉश कालोनी में प्लास्टिक दाना फैक्ट्री का संचालन बिना किसी फायर सेफ्टी के किया जा रहा है, अन्य फैक्ट्रियों का भी यही हाल है, जिससे भविष्य में अनचाही घटना होने की आशंका बनी हुई है।

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