जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष व सदस्यों ने जताया मंत्री का आभार
कवर्धा। जिले के अग्रणी महाविद्यालय आचार्य पंथ श्री गृन्ध मुनि नाम साहेब शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, कवर्धा की स्थापना वर्ष के बाद पहली बार इतनी बड़ी संख्या में प्राध्यापकों व सहायक प्राध्यापकों के पद पर स्वीकृति शासन द्वारा किया गया। कॉलेज में प्राध्यापकों व सहायक प्राध्यापकों के पद स्वीकृत होने पर जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष मोहित माहेश्वरी व समिति के सदस्यों ने मुख्यमंत्री, मंत्री मोहम्मद अकबर एवं शिक्षा मंत्री उमेश पटेल का आभार व्यक्त किया।
वर्ष 1983 में अग्रणी महाविद्यालय आचार्य पंथ श्री गृन्ध मुनिनाम साहेब शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, की स्थापना हुई थी, जिसके बाद एक या दो पद ही स्वीकृत होते रहे हैं। वर्तमान में प्राध्यापकों के 11 पद स्वीकृत थे, वहीं सहायक प्राध्यापकों के 29 पद स्वीकृत थे। लेकिन कॉलेज में छात्रां की संख्या को देखते हुए जनभागीदारी अध्यक्ष मोहित माहेश्वरी व सदस्यों के द्वारा माननीय मंत्री मोहम्मद अकबर को पी.जी.कॉलेज में प्राध्यापकों तथा सहायक प्राध्यापकों के स्वीकृत पद बढ़ाने की मांग की गई थी, जिस पर मंत्री मोहम्मद अकबर व मंत्री उमेश पटेल जी के प्रयास से कॉलेज स्थापना के 38 साल बाद प्राध्यापक के 6 पद व सहायक प्राध्यापक के 13 पद शासन द्वारा स्वीकृत किया गया। जिसमें कि विषयवार स्वीकृत प्राध्यापक गणित-1, अर्थशास्त्र-1, रसायन शास्त्र-1, हिन्दी-1, अग्रेजी-1,समाजशास्त्र-1, एवं विषयवार सहायक प्राध्यापक-गणित-01, भूगोल-2, रसायन शास्त्र-1, हिन्दी-2, अंग्रेजी-2, वाणिज्य-2, कम्प्यूटर-2, राजनीति विज्ञान-1 कुल 13 पद स्वीकृत हुए। अब जिले के सबसे बड़े कॉलेज में 17 प्राध्यापक एवं सहायक प्राध्यापक के 42 पद कॉलेज में स्वीकृत है। इस तरह पूर्व में स्वीकृत 41 तथा वर्तमान में 19 पद स्वीकृत होने पर कुल 60 स्वीकृत पद हुए।
जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष ने बताया कि लगातार कॉलेज में छात्रों की संख्या बढ़ती जा रही है। वहीं कॉलेज में छात्रों के बैठने की व्यवस्था भी किया जा चुका है। पी.जी.कॉलेज में प्राध्यापकों एवं सहायक प्राध्यापकों की संख्या में कमी थी, जिससे अब कॉलेज में प्राध्यापकों एवं सहायक प्राध्यापकों की व्यवस्था हुई है, जिससे छात्रों को शैक्षणिक सुविधाएँ मिल पायेगी। वहीं हर वर्ष प्राध्यापकों/ सहायक प्राध्यापकों की कमी के कारण जनभागीदारी समिति से अतिथि शिक्षक की नियुक्ति करनी पड़ती थी लेकिन अब यह नियुक्ति की आवश्यकता नहीं पड़ी।

Bureau Chief kawardha