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गन्ना पर आधारित इथेनॉल उद्योग का निर्माण कार्य लगभग 80 प्रतिशत पूरा, कलेक्टर ने निर्माण कार्यो में और तेजी लाने के निर्देश दिए

कलेक्टर श्री महोबे ने कृषि पर अधारित इथेनाल प्लांट के निर्माण कार्यो का अवलोकन किया और स्थल पर समीक्षा भी की

कवर्धा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ड्रीम प्रोजेक्ट है कृषि पर आधारित इथेनॉल उद्योग की स्थापना। सीएम की यह ड्रीम प्रोजेक्ट छत्तीसगढ़ के कबीरधाम के कृषि पर आधारित इथेनॉल प्लॉट की स्थापना की जा रही है। यह उद्योग 35 एकड़ में आकार ले रहा है। इस उद्योग का निर्माण कार्य लगभग 80 प्रतिशत तक कम्प्लीट हो चुका है। नए वर्ष 2023 में तीसरे या चौथे माह तक पूरा होने की उम्मीद है। कलेक्टर जनमेजय महोबे ने आज निर्माणाधीन उद्योग का मुआयना किया और निर्माण कार्यों में और तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने अवलोकन करते हुए कहा कि कृषि (गन्ना) पर आधारित यह उद्योग राज्य शासन की प्राथमिकता वाली योजनाओं में शामिल है। हाल ही में जिले के प्रभारी टीएस सिंह देव समीक्षा बैठक में इस निर्माण कार्यों सहित उद्योग से जुड़े सभी पहलुओं पर गहनता से समीक्षा की गई है। कलेक्टर ने बैठक में अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए है।
कलेक्टर जनमेजय महोबे ने आज भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना के समीप निर्माण हो रहे प्रदेश का सबसे बड़ा और पहला एथनॉल प्लांट के कार्यो का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान एन.के.जे. बॉयोफ्यूल के तकनिकी अधिकारियों ने बताया कि आगामी नववर्ष के तीसरे या चौथे माह में निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। राज्य शासन द्वारा कबीरधाम जिले में प्रदेश का सबसे बड़ा और पहला एथनॉल प्लांट की स्थापना की जा रही है। एथनॉल प्लांट की स्थापना के लिए भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना की खाली भूखंड 35 एकड़ भूमि को चिन्हांकित किया गया है।

निरीक्षण के दौरान भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना के एमडी भूपेन्द्र ठाकुर , जिला आबकारी अधिकारी जीपीएस दर्दी, सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

*पी.पी.पी. मॉडल से ईथेनॉल प्लांट की स्थापना का पूरे देश में यह पहला*

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कृषि पर आधारित इथेनाल प्लांट प्राथमिकता वाली योजनाओं में शामिल है। पीपीपी मॉडल से स्थापित होने वाले देश के पहले इथेनॉल प्लांट की स्थापना के संबंध में अनुबंध भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाने तथा छत्तीसगढ़ डिस्टीलरी लिमिटेड की सहायक इकाई एन.के.जे. बॉयोफ्यूल लिमिटेड के मध्य किया गया। इथेनॉल संयंत्र की स्थापना से क्षेत्र में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे तथा क्षेत्र में आर्थिक समृद्धि का आधार मजबूत होगा। किसानों को गन्ना मूल्य का समय पर भुगतान सुनिश्चित होगा। मुख्यमंत्री बघेल के नेतृत्व में सरकार के गठन के साथ ही किसानों से संबंधित मुद्दे सर्वोपरि रहे हैं, सर्वप्रथम कृषि ऋणों की माफी की गई तथा गन्ना किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए शक्कर कारखानों की आर्थिक कठिनाई के स्थाई निदान के लिए पीपीपी मॉडल से इथेनॉल प्लांट की स्थापना की जा रही है। पी.पी.पी. मॉडल से ईथेनॉल प्लांट की स्थापना का पूरे देश में यह पहला उदाहरण है।

*इस इथेनॉल उद्योग से जिले के हजारों गन्ना उत्पादक किसानों को मिलेगा लाभ*

भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना के एमडी ठाकुर ने बताया कि इथेनाल प्लांट हाईब्रीड टेक्नालाजी से बनेगा, जिसमें गन्ना पेराई सीजन के दौरान सीधे गन्ने के जूस से तथा आफ सीजन के दौरान मोलासीस से इथेनाल बनाया जाएगा। गन्ने के रस को इथेनाल में डायवर्ड करने के कारण अधिक जूस की जरूरत पडे़गी उसकी पूर्ति के लिए किसानों से अधिक से अधिक गन्ना क्रय किया जाएगा। कारखाने में गन्ने का रस निकालने के लिए और यूनिट लगाई जाएगी। किसानों को गन्ने के मूल्य का भुगतान समय पर सुनिश्चित हो सकेगा। कोरोना जनित विपरीत परिस्थितियों, विपरीत आर्थिक परिवेश को ध्यान में रखते हुए राज्य की अर्थव्यवस्था को विकसित करने के लिए निजी क्षेत्र की आर्थिक एवं तकनीकी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए पी.पी.पी. मॉडल का चयन किया गया। राज्य शासन के निर्णय के पालन में प्रथम चरण में भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाने में पी.पी.पी. मॉडल से इथेनॉल प्लांट की स्थापना की कार्यवाही की जा जाएगी। भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना कवर्धा में न्यूनतम 80 के.एल.पी.डी. क्षमता के ईथेनॉल प्लांट की स्थापना हेतु देश का पीपीपी मॉडल से पहला उदाहरण होने के कारण निवेशक चयन के लिए प्रक्रिया के सूक्ष्म पहलूओं को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय स्तर पर निविदा सफलतापूर्वक पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से पूर्ण की गई।

By Rupesh Mahobiya

Bureau Chief kawardha

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