मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम और श्री कृष्ण के उपदेश मानव को देता है जीवन जीने की राह _अशोक शास्त्री जी*
*कवर्धा। भगवत ज्ञान सप्ताह का आयोजन पूर्व पार्षद संतोष नामदेव के घर में किया गया है हम आपको बता दें कि इस आयोजन को लेकर नामदेव परिवार के द्वारा 15 दिन पहले से ही तैयारियां की जा रही थी इसके साथ ही प्रथम दिवस जहां भव्य कलश यात्रा नगर भ्रमण के लिए निकली वही कथा के चौथे दिन भगवान श्री कृष्ण जन्म के विषय में पंडित श्री अशोक शास्त्री ने विस्तारपूर्वक कथा कहते हुए भक्तों को बताया कि भगवान श्री राम और भगवान श्री कृष्ण के जन्म से हमें बहुत से ज्ञान मिलते है भगवान श्री कृष्ण के उपदेश व भगवान श्री रामचंद्र मर्यादा पुरुषोत्तम के त्याग दोनों ही मानव जीवन में विशेष महत्व रखता है और हमें भगवान के बताए गए पद चिन्हों पर चलना आवश्यक है इससे ही मानव जीवन सफल होगा। पंडित श्री अशोक शास्त्री जी महाराज ने आगे कहा कि मनुष्य जीवन में ईश्वर का नाम ही सार है भगवान श्री राम के त्याग से मानव जीवन में हर परिस्थिति में लोग अपने परिवार के साथ एक रह सकते हैं इसके साथ ही भगवान श्री कृष्ण ने न्याय व कर्तव्य का पालन करते हुए कर्मभूमि में जन्मभूमि का महत्व बताया है।*
*पंडित श्री अशोक शास्त्री जी ने बताया कि ,भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि की घनघोर अंधेरी आधी रात को रोहिणी*नक्षत्र में मथुरा के* *कारागार में वसुदेव की पत्नी देवकी के गर्भ से भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लिया था। यह तिथि उसी शुभ घड़ी की याद*दिलाती है और सारे देश में कृष्ण जन्म अष्टमी बड़ी धूमधाम से मनाई जाता है।*
*द्वापर युग में भोजवंशी राजा उग्रसेन मथुरा में राज्य करता था। उसके आततायी पुत्र कंस ने उसे गद्दी से उतार दिया और स्वयं मथुरा का राजा बन बैठा। कंस की एक बहन देवकी थी, जिसका विवाह वसुदेव नामक*यदुवंशी राजा से हुआ था। एक समय कंस अपनी बहन देवकी को उसकी ससुराल पहुंचाने जा रहा था।*
*रास्ते में आकाशवाणी हुई- ‘हे कंस, जिस देवकी को तू बड़े प्रेम से ले जा रहा है, उसी में तेरा काल बसता है। इसी के गर्भ से उत्पन्न आठवां बालक तेरा वध करेगा।*और कंस का अंत कर भगवान ने धर्म की स्थापना की।

Bureau Chief kawardha