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स्वयं के आवास का सपना साकार करें, किसी के द्वारा आवास दिलाने प्रलोभन से बचें, आवास में अवैध रूप से बलात कब्जाकर निवासरत परिवार आवास रिक्त करे, अन्यथा होगी कानूनी कार्यवाही

  • प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत स्वयं के आवास का सपना साकार करें, किसी के द्वारा आवास दिलाने प्रलोभन से बचें 

राजनांदगांव 4 जुलाई। प्रधानमंत्री आवास योजना के घटक ए.एच.पी. “मोर आवास मोर चिन्हारी” के तहत् शहर कि चिन्हीत झुग्गी बस्ती के रहवासी परिवारो को स्वच्छ सुन्दर वातावरण में आवास उपलब्ध करा कर इनके जीवन स्तर को सवारने का प्रयास राज्य एवं केन्द्र शासन के सहयोग से किया जा रहा है। किन्तु कतिपय लोगों के द्वारा आवास योजना का दुरूपयोग किया जा रहा है। आवास दिलाने के नाम पर पैसा वसूली की जा रही है। इसी प्रकार बने आवासांे में बिना आबंटन के कब्जा भी किया जा रहा है। इस संबंध में निगम आयुक्त डॉ. अशुतोष चतुर्वेदी ने नागरिकों से अपील करते हुये कहा है कि किसी के द्वारा आवास दिलाने के प्रलोभन से बचे क्योकि नियमानुसार प्रक्रिया कर आवास आबंटन निगम द्वारा किया जाता है। इसी प्रकार पात्र आबंटी हितग्राही ही आवास के हकदार है, अवैध रूप से कब्जाकर रहने वाले हकदार नहीं है, उन्हें निगम द्वारा हटा दिया जायेगा, अपालन पर दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी।

प्रधानमंत्री आवास योजना के क्रियान्वयन के संबंध में निगम आयुक्त डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी ने बताया कि कच्चे मकान में निवासरत पट्टाधारी एवं निजी और शासकीय भूमि मेें अतिक्रमण कर बसे परिवार को योजनांतर्गत पक्का आवास उपलब्ध कराना योजना का मूल उद्देश्य है। इसकी पात्रता के लिये ऐसे परिवार जिनकी समस्त स्त्रोतो से वार्षिक आय 03 लाख रूपये से कम होना चाहिए। आवेदन करने वाले व्यक्ति का या उसके परिवार का सम्पूर्ण भारत वर्ष में कोई भी पक्का आवास नही होना चाहिए। 31 अगस्त 2015 के पूर्व से उस झुग्गी बस्ती का रहवासी होना अनिवार्य है, जिसे विस्थापित किया जाना है। अन्यथा कि स्थिति में इस नियम कि पूर्ति ना होने पर उन्हे आवास प्रदान नही किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि ए.एच.पी. के आवास गरीब और जरूरतमंद परिवारो को निवास करने के लिए है। आवास का किसी भी स्थिति में किराये पर या निवास के अतिरिक्त अन्य कार्य के लिए उपयोग नही किया जाना है। आवास का आबंटन व्यवस्थापन अंतर्गत लाटरी के माध्यम से किया जाना है।

आयुक्त डॉ. चतुर्वेदी ने बताया कि नगर निगम राजनांदगांव क्षेत्र में मोर जमीन मोर मकान के तहत रेवाडीह, पेन्डीª, लखोली, मोहारा आदि क्षेत्रों में आवास का निर्माण किया गया है। जहॉ नियमों के तहत प्रक्रिया कर पात्र हितग्राहियों को आवास का आबंटन किया जाता है। उन्होंने पात्र हितग्राहियों से कहा कि आवास की स्वीकृति उपरांत निगम द्वारा नियुक्त वास्तुविदों के कहे जाने पर ही आवास का निर्माण कार्य प्रारंभ करे, निगम द्वारा आवास निर्माण के लिये किसी भी ठेकेदारों को अधिकृत नहीं किया गया है, हितग्राही अपना आवास निर्माण का कार्य स्वयं से अथवा किसी भी राज मिस्त्री से करा सकता है। निगम द्वारा नियुक्त वास्तुविद आवास निर्माण के विभिन्न चरणों पर जियोटेग करने के लिये निगम के माध्यम से पारिश्रमिक दिया जाता है।

निगम आयुक्त डॉ. चतुर्वेदी ने पात्र हितग्राहियों से कहा है कि इस योजना के संबंध में किसी भी व्यक्ति द्वारा किसी भी प्रकार के प्रलोभन मे न आवे और न किसी के द्वारा आवास दिलवाने के प्रलोभन में आकर इस हेतु पैसा न देवें। अगर कोई भी आपसे उपरोक्त संबध में पैसे कि मांग करता है, तो इसके संबंध में नगर पालिक निगम कार्यालय या प्रधानमंत्री आवास योजना कार्यालय मे तत्काल शिकायत करे। बिना आबंटन के किसी को भी रेवाडीह, पेन्ड्री, लखोली, मोहारा आदि निकाय क्षेत्रो में बने आवासों में आवास प्राप्त नही हो सकता। उन्होंने नागरिकों से आवास दिलवाने के प्रलोभन से बचते हुये पात्रता अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लेने की अपील की है। साथ ही जिन लोगों के द्वारा लखोली मेें बने आवास में अवैध रूप से बलात कब्जाकर आवास में निवास किया जा रहा है, वे स्वमेव आवास रिक्त कर दे। अन्यथा उनके विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही करते हुये आवास रिक्त कराया जायेगा।

By Amitesh Sonkar

Sub editor

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