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देश के प्रसिद्ध अंग्रेजी पत्रिका “द वीक “ने वर्ष 2015 में नरेश विश्वास को मेन ऑफ द ईयर घोषित किया था।
महादेव सोनी नेउर
कवर्धा/नेउर। छत्तीसगढ़ शासन के राज्य योजना आयोग में मुख्यमंत्री के अनुमोदन से मुख्यमंत्री के सलाहकार राजेश तिवारी के अध्यक्षता में टास्क फोर्स का गठन किया है। आदिवासी विकास वन और वन्य जीव प्रबंधक लघु वनोपज प्रबंधन क्षेत्रो का विकास विषय पर टास्क फोर्स समिति को सलाह अथवा सुझाव देने के लिए विभिन्न विषय विशेषज्ञों को शामिल किये हुए है विभिन विषयो पर कार्य समूह बनाया गया है यह कार्य समूह टास्क फोर्स कमेटी को आदिवासी विकास ,वन और वन्य जीव प्रबधन लघु वनोपज प्रबधन क्षेत्रो का विकास के सबध में सुझाव देना है विषयवार कार्य समूहों का संदर्भ शर्ते तय किया गया है।
विशेष पिछड़ी जनजाति समूह के समग्र विकास के लिए नरेश विस्वास को विषय विशेषज्ञ के रूप में कार्य समूह में सदस्य बनाया गया है श्री विस्वास मूलतः छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के रहने वाले है और कवर्धा जिला के बैगा आदिवासी पर बहुत काम कर रहे है जो विगत कई वर्षों से मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा आदिवासी के अधिकार एव विकास के लिए कार्य कर रहे है उल्लेखनीय है नरेश विस्वास मध्यप्रदेश के बैगा चक के बैगा जनजाति के साथ विकास कार्य करते हुए वन अधिकार कानून की धारा 3(1) (e)के तहत 7गावो के बैगा आदिवासियों को पर्यावास अधिकार ” हेबिटेट राइट्स “दिलाने में सफलता अर्जित की है जो की वन अधिकार कानून (fra) में देश का पहला राज्य और भारत मे एकमात्र हेबिटेट राइट्स कानून बना एक मात्र उदाहरण के लिए चर्चा में है उपलब्धि के लिए विशेष पिछड़ी जनजाति के विशेष प्रावधान पर्यावास अधिकार गाइड लाइन बनाने के लिए भारत सरकार के जनजाति कार्य मंत्रालय के हेबिटेट राइट्स गाइड लाइन विशेषज्ञ समिति का सदस्य नियुक्त किया है बैगा आदिवासी के साथ किए गए कार्यो को देखकर देश के प्रसिद्ध अंग्रेजी पत्रिका “द वीक “ने वर्ष 2015 में नरेश विश्वास को मेन ऑफ द ईयर घोषित किया था।
देश के 75 विशेष पिछड़ी जनजाति समूह में से बैगा पहाड़ी कोरवा, कमार,बिरहोर और अबूझमाड़िया छत्तीसगढ़ में रहते है पंडो और माझी जनजाति को छत्तीसगढ़ सरकार ने विशेष पिछड़ी जनजाति घोषित किया है लेकिन दोनों जनजाति को केंद्र सरकार की सूची में नही है नरेश विश्वास कहते है छत्तीसगढ़ के विशेष पिछड़ी जनजाति की सम्पूर्ण जीवन शैली जंगल पर आधारित हैं इनके खान पान रीति रिवाज संस्कृति जंगल से जुड़ा है यह समुदाय जंगल के जैव विविधता और वनोसधियो एव जंगल आधारित खाद की सबसे अधिक जानकारी रखते है पूर्णत जंगल आधारित आजीविका पर निर्भर है इसलिए वनों पर इनके स्वामित्व के साथ जंगल आधारित विकास प्रकिया के बिना विशेष पिछड़ी जनजाति समूहों के समग्र विकास की परिकल्पना नही किया जा सकता है नरेश विस्वास को छत्तीसगढ़ को राज्य योजना आयोग द्वारा आदिवासी विकास वन ओर वन्य जीव प्रबधन लघु वनोपज प्रबधन क्षेत्रो का विकास के टास्क फोर्स में विशेष पिछड़ी जनजाति समूह के समग्र विकास के लिए कार्य समूह में सदस्य चुने जाने से छत्तीसगढ़ में निवास रत विशेष पिछड़ी जनजाति समूह (pvtg) के विकास के नया आयाम और नई दिशा मिल सकेगा विशेष पिछड़ी जन जाती समुदाय के द्वारा उगाए जाने वाला पारम्परिक मोटा अनाज जिसे अंग्रेजी में मिलेट बोला जाता है मिलेट यानी कोदो ,कुटकी ,ज्वार ,माड़िया ,सावॉ,,बाजरा आदि पारम्परिक अनाजो के सरक्षण ओर सवर्धन के काम के लिए मध्यप्रदेश के नरेश विस्वास को “मिलेट मेन”के नाम से जाना जाता है टास्क फोर्स सदस्य बनाए जाने पर प्रांतीय अध्यक्ष इतवारी मछिया, गांव बचाओ संयोजक नरेश बुनकर ,महादेव सोनी,आर सिन्हा आदि लोगो ने बधाई दिए है।

By Rupesh Mahobiya

Bureau Chief kawardha

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