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*कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा ने कहा- सभी शुभ कार्यों को आरंभ करने से पूर्व भूमि पूजन की परंपरा प्राचीन है, इसे बचाए रखना हम सबकी जिम्मेदारी होनी चाहिए*

कवर्धा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की विशेष पहल पर छत्तीसगढ़ में तीन मई अक्षय तृतीया अक्ति के दिन माटी पूजन दिवस मनाया जाएगा। माटी पूजन अभियान को लेकर कबीरधाम जिले में जोर-शोर से तैयारियां शुरू कर दी गई है। सभी ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत स्तर पर कार्यक्रम का आयोजन कर परम्परागत रूप से माटी पूजन किया जाएगा। माटी पूजन दिवस की तैयारी को लेकर कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा ने आज यहां जिला पंचायत, सर्व अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, जनपद पंचायत सीईओ, कृषि विभाग, कृषि विज्ञान केन्द्र के अधिकारियों की संयुक्त बैठक लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा ने कहा कि सभी शुभ कार्यों को आरंभ करने से पूर्व भूमि पूजन की परंपरा प्राचीन है। इस प्राचीन परम्परा को बचाए रखना हम सब की जिम्मेदारी होनी चाहिए। विगत कुछ दशकों से जलवायु परिवर्तन तथा रसायनिक खाद के अत्यधिक उपयोग के दूष्परिणामों से खेती में उर्वरक क्षमता में कमी देखी जा रही। रसायनिक खादों, जहरीले कीटनाशकों और जलवायु परिवर्तनों के अन्य वजह से पर्यावरण प्रदूषण के अलग-अलग परिणाम भी देखने को मिल रहे है। छत्तीसगढ़ एक कृषि प्रधान राज्य है। कबीरधाम जिले के किसान धान के अलावा गन्ना, चाना, सोयाबीन, तथा उद्यानिकीय की फसल ले रहे है। हालांकि की कुछ जागरूक किसानों के द्वारा जैविक खेती की जा रही है, लेकिन अभी भी किसानों में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए उन्हे जागरूक करने की जरूरत है। जैविक खेती को बढ़ावा देने और किसानों को जैविक खेती की ओर प्रेरित करने के लिए राज्य सराकर की अलग-अलग योजनाएं कार्यक्रम भी संचालित है। जिसमें गौधन न्याय योजना प्रमुख है। गोठानों में सरकारी दर पर गोबर खरीदी कर उस गोबर से जैविक खाद् बनाया जा रहा है। इसके साथ ही प्राकृतिक संसाधनां से खेती के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जन चेतना एवं जनभागीदारी को बढ़ानें के लिए अलग-अलग कार्यक्रम भी चलाए जा रहे। इसके तहत किसानों को रियायती दर पर वर्मी कम्पोस्ट खाद उपलब्ध कराना, इनपुट सब्सिडी और फलस बीमा के लिए प्रीमियम राशि प्रदान करना, जैविक खेती के उत्पादों के प्रसंस्करण एवं विपणन की व्यवस्था ग्रामीण औद्योगिक पार्क सी-मार्ट के माध्यम से। गौठानों के आसपास चारागाह का विकास करना, पाठ्यक्रमों के माध्यम से रसायनिक खेती के परिणामों से बच्चों को जागरूक करना, वन तथा उद्यानिकी विभागों के नर्सरी में जैविक खाद का उपायोग कर पौधे तैयार करना, समय-समय पर कृषि विभाग के माध्यम से स्थानीय स्तर पर किसान मेला के माध्यम से किसानों को जैविक खेती की ओर अग्रसर करने और उन्हे जागरूक करने जैसे अभियान भी चलाए जा रहे है।

कलेक्टर शर्मा ने बताया कि माटी पूजन दिवस का उद्देश्य मिट्टी की उर्वरा शक्ति के पुनर्जीवन के लिए रासायनिक खादों एवं कीटनाशकों के स्थान पर वर्मी कम्पोस्ट खाद के उपयोग के साथ गौ-मूत्र एवं अन्य जैविक पदार्थों के उपयोग को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा है कि माटी पूजन अभियान के तहत प्राकृतिक खेती के प्रति किसानों एवं जनमानस की भागीदारी को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके अंतर्गत विभिन्न गतिविधियों में रासायनिक खादों एवं कीटनाशकों के स्थान पर वर्मी कम्पोस्ट, गौमूत्र एवं जैविक खादों के उपयोग को प्रोत्साहित करने के साथ ही रासायनिक खेती से होने वाले नुकसान के प्रति किसानों को जागरूक करने एवं मानव-पशु आहार को हानिकारक रसायनों से मुक्त करना हैं।
माटी पूजन दिवस कार्यक्रम में जिले में वर्मी कम्पोस्ट के कार्य से जुड़े स्वसहायता समूह एवं गौठान समितियों के सदस्यगण, समान गतिविधियों को संचालित कर रहे गैर सरकारी संगठनो एवं समाजिक समूहों, प्रगतिशील जैविक खेती करने वाले कृषकों विद्यालय एवं महाविद्यालय के छात्र छात्राओ, स्थानीय जन प्रतिनिधियों एवं आमजन की सक्रिय भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी।

By Rupesh Mahobiya

Bureau Chief kawardha

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