छुरिया से सूरज लहरे की रिपोर्ट
छुरिया– विकासखंड के नक्सल प्रभावित क्षेत्र ग्राम जोब जो कि जाना पहचाना गांव हैं। ज्ञात हो कि 2010 के पहले यह ग्राम नक्सलियों का दलम था।
वर्तमान में इस गांव कि बुनियादी सुविधाओं में नजर गड़ाए तो आज भी कई मुलभूत सुविधाओं के लिए ग्रामीणों को संघर्ष करना पड़ रहा है चाहे वह शिक्षा हो चिकित्सा हो हर सुविधाएं जर्जर हो चुकी है। मरकाकसा से जोब तक पक्की सड़क निर्माण आज भी अधर में लटका हुआ है। हर वर्ष बरसात के दिनों में इसी रोड़ पर गिरते फिसलते चोट खाते स्कुल पहुंचते हैं। चाहे वह बच्चे हो या शिक्षक। गांव के युवा समिति ने कलेक्टर से मुलाकात कर शिक्षण संबधी समस्या बताई। जिसमें शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला जोब में 103 दर्ज संख्या है और सिर्फ 2 शिक्षक ही कार्यरत है जिनमे से एक शिक्षक संकुल समन्वयक होने से यह स्कूल सिर्फ एक शिक्षक के भरोसे ही चल रहा है शिक्षक एक और बच्चे 100 से ऊपर और 3 कक्षा के 18 परेड साथ ही साथ विभिन्न प्रकार की अभिलेखों का कार्य एक शिक्षक के भरोसे चल रहा है जनप्रतिनिधि और शासन प्रशासन किसी को भी कोई मतलब नही है | विकास खंड शिक्षा अधिकारी छुरिया को भी पता है कि मिडिल स्कूल जोब एक शिक्षकीय है फिर भी समन्वयक का कार्य कर रहे वेदराम पटेल को समन्वयक के कार्य से मुक्त नही कर रहे यह समझ से परे है जबकि कई बार ग्राम के प्रमुख अर्जुन मंडावी , सरपंच जानकीशरण श्रीवास्तव स्कूल समिति अध्यक्ष हेमराम नेताम ने बताया कि यंहा तक के बीईओ कार्यालय में आकर समस्या को अवगत करा चुके हैं । शिक्षक की भयंकर कमी झेल रहे मिडिल स्कूल जोब की सुध लेने वाला कोई नही है| एक ओर तो सरकार वनांचल क्षेत्र में विकास का ढिंढोरा पीठती है,पीठ थपथपाने में लगी हुई है वहीं दूसरी ओर सरकार की शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलती शालाओं में शिक्षकों की कमी है । कलेक्टर ने जल्द ही समस्या का निराकरण का आश्वासन दिया है।
ग्रामवासी और शाला प्रबंधन समिति के सदस्यों ने शासन प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द शिक्षक की व्यवस्था किया जाये नही तो ग्रामवासी धरना प्रदर्शन जैसे कदम उठाने को मजबूर होंगे ।
