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Economy reporter रायपुर: कोविड से आर्थिक संकट फिर भी छत्तीसगढ़ ने जुलाई 2021 में 2,432 करोड़ रुपये का जीएसटी संग्रह दर्ज किया, जो कि वर्ष 2020 की इसी अवधि की तुलना में 33 प्रतिशत अधिक…

रायपुर: छत्तीसगढ़ में जीएसटी संग्रह 33 फीसदी बढ़ा है, छत्तीसगढ़ में जीएसटी की वृद्धि राष्ट्रीय स्तर से बेहतर

-कई अन्य राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ ने जीएसटी संग्रह में अधिक वृद्धि दर्ज की है

-राजीव गांधी किसान न्याय योजना, वन उपज संग्रह, गोदान न्याय योजना, मूल्य संवर्धन और आजीविका गतिविधियों, मनरेगा के तहत किए गए उपायों से स्थिर आर्थिक विकास हुआ है

रायपुर, 1 अगस्त 2021। छत्तीसगढ़ ने जुलाई 2021 में 2,432 करोड़ रुपये का जीएसटी संग्रह दर्ज किया है, जो कि वर्ष 2020 की इसी अवधि की तुलना में 33 प्रतिशत अधिक है। जुलाई 2020 में, राज्य में 1832 करोड़ रुपये का जीएसटी संग्रह था। छत्तीसगढ़ में जीएसटी संग्रह में वृद्धि राष्ट्रीय स्तर पर कुल जीएसटी संग्रह में वृद्धि से लगभग 32 प्रतिशत अधिक है।
केंद्र सरकार की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ के जीएसटी कलेक्शन में ग्रोथ कई राज्यों से बेहतर है.
मध्य प्रदेश ने जीएसटी संग्रह में 16%, कर्नाटक में 12% उत्तर प्रदेश में 18%, बिहार में 21%, पंजाब ने 29%, उत्तराखंड ने 12%, राजस्थान ने 12% की वृद्धि दर्ज की है। छत्तीसगढ़ में विकास प्रतिशत पश्चिम बंगाल के 15 प्रतिशत, केरल के 27 प्रतिशत, आंध्र प्रदेश के 28 प्रतिशत से अधिक है।
उल्लेखनीय है कि कोविड-संकट के कारण चुनौतियों के बावजूद छत्तीसगढ़ में आर्थिक गतिविधियों की गति को बनाए रखा गया है। तालाबंदी के बावजूद कृषि और वन क्षेत्रों में काम निर्बाध रूप से जारी रहा। इस दौरान राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान की गई। पिछले साल इस योजना के तहत राज्य के लगभग 19 लाख किसान लाभान्वित हुए थे, जबकि इस वर्ष 22 लाख किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत वित्तीय सहायता मिली थी। इन किसानों ने पिछले सीजन में धान की अधिक पैदावार का कीर्तिमान स्थापित किया था। इस वर्ष भी पहली किश्त के रूप में किसानों के बैंक खातों में 1500 करोड़ रुपये का अनुदान हस्तांतरित किया गया है। राज्य सरकार ने चालू सीजन में अधिक किसानों को शामिल करने के लिए योजना के दायरे का विस्तार किया है। वनोपज संग्रहण के मामले में भी छत्तीसगढ़ पूरे देश में अग्रणी है। महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के अलावा, गौठानों में आयोजित वनोपज और आजीविका गतिविधियों के मूल्यवर्धन ने राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा किया है। 2 रुपये प्रति किलो की दर से गोबर की खरीद के साथ ही जैविक खाद के निर्माण व बिक्री से बड़ी संख्या में किसान, पशुपालक एवं स्वयं सहायता समूह के सदस्य भी लाभान्वित हुए हैं.

By Karnkant Shrivastava

B.J.M.C. Chief Editor Mo. No. 9752886730

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