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मानव श्रृख्ंला के साथ नाला की सफाई कर अधिकारियों और ग्रामीणों ने दिया जल संरक्षण और संवर्धन का संदेश

कवर्धा। विश्व जल दिवस पर कवर्धा में अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा मानव श्रृंख्ला बनाकर सकरी नदी की सहायक नाला की सफाई कर जल संरक्षण और संवर्धन का अलौकिक संदेश दिया गया। कहते है जब इरादे नेक होते है तो पूरा करवां जुड़ता जाता है। आज विश्व जल दिवस पर कुछ ऐसा ही नाजारा देखने को मिला। आज पूरा देश विश्व जल दिवस मना रहा है, लेकिन कवर्धा के आयोजन ने यह संदेश दिया है कि कैसे हम जल को दूषित होने से बचाए और कैसे जल का समुचित उपयोग करते हुए आने वाली मानव पीढ़ी के लिए जल संरक्षण और संवर्धन की दिशा में काम करे। राज्य शासन के वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर के मंशानुरूप आज विश्व जल दिवस मनाया गया। वन विभाग द्वारा अयोजन इस आयोजन में कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा, पुलिस अधीक्षक डॉ लाल उम्मेद सिंह, वनमंडल अधिकारी  चुरामणि सिंह, जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल, कवर्ध नगर पलिका अध्यक्ष ऋषि कुमार शर्मा सहित पर्यावरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले हरीतिमा संस्था और फोर्स एकाडमी के छात्रों द्वारा नाला की सफाई कर जल की उपयोगिता बनाने और जल संरक्षण और संवर्धन की दिशा में संदेश देने में सफल भी नजर आए। अधिकारियों ने पुलिस विभाग द्वारा संचालित फोर्स एकेडमी के विद्यार्थियों की मेहनत और लगन की तारीफ भी की। ग्रामीणजनों की भी सहभागिता इस आयोजन में रही।

यहां पर प्रसिद्ध कवि तथा गीतगार शाहिर लुधियानवी की एक महशुर गीत भी सार्थक साबित हो रही है, जिसमें उन्होने लिखा है कि….

साथी हाथ बढ़ाना, साथी हाथ बढ़ाना
एक अकेला थक जाएगा मिल कर बोझ उठाना
साथी हाथ बढ़ाना
हम मेहनतवालों ने जब भी मिलकर क़दम बढ़ाया
सागर ने रस्ता छोड़ा पर्वत ने शीश झुकाया
फ़ौलादी हैं सीने अपने फ़ौलादी हैं बाँहें
हम चाहें तो पैदा कर दें, चट्टानों में राहें,
साथी हाथ बढ़ाना….

जल सरंक्षण और संवर्धन का अनुपम उदाहरण है सकरी नदीं की सफाई- नपा अध्यक्ष

नगर पालिका अध्यक्ष ऋषि कुमार शर्मा का विश्व जल दिवस पर कहना है कि प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद पूरे प्रदेश में जल सरंक्षण और संवर्धन की दिशा में बहुत अच्छा काम हो रहे है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण कवर्धा के समीप सकरी नदी सफाई को देखकर महशुस किया जा सकता हैं। उन्होने कहा कि राज्य सरकार की नरवा योजना के तहत मृतप्राय नदी-नालों में सांसे वापस लौट रही है। जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर और कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा के प्रयासों व मार्गदर्शन में और भी जल संरक्षण और संवर्धन की दिशा में काम होंगे। हम सबको जल की उपयोगिता और उनकी महत्व को समझने की जरूरत है।

जल के महत्व और उसकी उपयोगिता समझने की जरूरत है- कलेक्टर

कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा ने कहा कि एक समय था जब हर जगह कुएं, तालाब, नहर और नदियां दिखाई देती थीं, लेकिन अब पानी का स्तर धीरे-धीरे कम होता जा रहा है, जिससे दुनियाभर में जल संकट गहराता जा रहा है। दुनियाभर के लोगों को पानी के महत्व को समझाने और स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से हर साल 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया जाता है। आज इसी कड़ी में यह हम सब यहां एकत्र हुए है। वास्तव में यह विश्व जल दिवस कोई एक दिन का आयोजन नहीं है, हम सबको जल के उपयोगिता और महत्व को समझने की जरूरत है। अगर इस नाले की पानी स्वच्छ और निर्मल रहेगा तो इसका उपयोग इस गांव के लोग की करेंंगे, बाहर से या दूर गांव को इसका उपयोग करने नहीं आने वाला। इस लिए इस गांव के लोगों को जल के महत्व और उसकी उपयोगिता के बारे में समझने की जरूरत है।

1992 से लगातार मनया जा रहा है विश्व जल दिवस – वनमंडल अधिकारी

कवर्धा वनमंडलाअधिकारी चुरामणि सिंह ने विश्व जल दिवस के आयोजन के प्रारंभिक दौर से लेकर अब तक के आयोजनों और जल संरक्षण तथा संवर्धन की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की पूरी जानकारी दी। उन्होने बताया कि विश्व जल दिवस 22 मार्च को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य विश्व के सभी देशों में स्वच्छ एवं सुरक्षित जल की उपलब्धता सुनिश्चित करवाना है साथ ही जल संरक्षण के महत्व पर भी ध्यान केंद्रित करना है। उन्होने राज्य सरकार के नरवा कार्यक्रम के तहत जिले में हुए उल्लेखनीय कार्यों की जानकारी देते हुए कहा कि जल ही जीवन है। अपने जीवन को बचान के लिए जल को कल के लिए सुरिक्षत बचाना ही हम सबकी सामुहिक जिम्मेदारी और दायित्व भी है।

जल के बिना जीवन संभव नहीं- पुलिस अधीक्षक डॉ लाल उम्मेद सिंह

पुलिस अधीक्षक डॉ लाल उम्मेद सिंह ने जल की उपयोगिता और जल के महत्व को बताते हुए कहा कि जल ही जीवन हैं और इसके बिना जीवन संभव नहीं है। उन्होने कहा कि हमें आन वाले कल के लिए पानी का संरक्षित कर सुरक्षित बचाना होगा। एक दौर था,जब यह कहा जाता था कि पानी अब बाजार में पैसे में बिकेगा। जब उस दौर में यह सार्थक नहीं लगता था,लेकिन आज की पीढ़ी बाजार के पानी पर ही निर्भर हो गया है। आज बाजार में पानी बीस रूपए लीटर से लेकर ज्यादा किमत में भी मिल रहे है।

By Rupesh Mahobiya

Bureau Chief kawardha

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