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सघन सुपोषण अभियान के लिए किए गए कार्य की मेहनत रंग ला रही, बच्चे का वजन 5.4 किलोग्राम से बढ़कर 8 माह में हुआ 7 किलोग्राम, सघन सुपोषण अभियान के मिल रहे सार्थक परिणाम

  • मुख्यमंत्री सघन सुपोषण अभियान से कुबेर गंभीर कुपोषित श्रेणी से सामान्य श्रेणी में आया

राजनांदगांव 22 फरवरी 2022। जिले में सघन सुपोषण अभियान के लिए किए गए कार्य की मेहनत रंग ला रही है। मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के तहत सघन सुपोषण अभियान का सार्थक परिणाम यह रहा कि छुईखदान विकासखंड का बालक कुबेर जंघेल गंभीर कुपोषित श्रेणी से सामान्य श्रेणी में आ गया है। 1 जुलाई को बच्चे का वजन 5.4 किलोग्राम था। जो अब 8 माह में बढ़कर 7 किलोग्राम हो गया है। उल्लेखनीय है कि कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा के मार्गदर्शन में मानपुर, मोहला एवं छुईखदान विकासखंड में कुपोषण दूर करने के लिए सघन सुपोषण अभियान चलाया गया।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संतोषी पटेल द्वारा सतत निगरानी करते हुए बच्चे की माता और परिवार को बच्चे की स्थिति और बच्चे के आहार के बारे में बताया गया। जन्म के समय बच्चे का वजन 2.800 किलोग्राम था। बच्चे को मां का दूध पर्याप्त नहीं मिलने के कारण 1 माह बाद उसके वजन में कमी आने लगी। मुख्यमंत्री सघन सुपोषण अभियान अंतर्गत प्रतिदिन बच्चे के घर गृहभेंट कर बच्चे के ऊपरी आहार शुरू कर उनके परिवार वालों को ऊपरी आहार खिलाने में मदद किया गया। बच्चा शुरूआत में खाना पसंद नहीं करता था तो उसके घर के लोग ऊपरी देने से मना करते थे। फिर भी कार्यकर्ता, सहायिका द्वारा प्रतिदिन उनके घर सुबह का नाश्ता, दोपहर का भोजन, शाम का भोजन दिया जा रहा था। शुरूआत में तरल पदार्थ दलिया, हलवा, दाल, खिचड़ी, आलू आदि खिलाना शुरू किए। बच्चे की माता को साफ-सफाई एवं केवल घर के भोजन बच्चे को खिलाने के लिए बताया गया। मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना अंतर्गत बच्चे की स्वास्थ्य जांच की गई एवं दवा खिलाई गई। स्वास्थ्य जांच एवं दवाई खिलाया गया। बच्चा 8 माह तक अच्छे से खाने लगा। कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्रीमती रेणु प्रकाश ने बताया कि 8 माह में उसका वजन 7 किलोग्राम हो गया। बच्चा मध्यम श्रेणी में आ चुका है। अब बच्चे को उबला अण्डा, केला, रोटी, सब्जी, दाल, घी, तेल शुरू किया गया। 1 जनवरी 2022 में बच्चा 1 वर्ष का हो गया। उसका वजन 7.800 किलोग्राम हो गया। बच्चे सामान्य श्रेणी में आ गया। उसके माता-पिता को जानकारी दी गई। तो वे बहुत प्रसन्न हुए। इसके लिए पंचायत द्वारा टिफिन व्यवस्था की गई। परामर्श दिया गया सभी के प्रयास से कुबेर को कुपोषण के जंग से बाहर लाया गया।

By Amitesh Sonkar

Sub editor

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