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राजनांदगांव 12 जून। नगर निगम सीमाक्षेत्रांतर्गत प्रतिदिन घरो से निकलने वाले गीला एवं सुखा कचरे को स्वच्छता दीदीयॉ एकत्रिकरण करती है और उसे एसएलआरएम सेन्टरों में पृथककरण किया जाता है तथा गीला कचरा से सेन्टर में ही जैविक व वर्मी खाद का उत्पादन किया जा रहा है। उक्त खाद उद्यानों, नर्सरी व पेड पौधों के लिये अत्यंत उपयोगी है, जिसे निगम के एसएलआरएम सेन्टरों से न्यूनतम दर पर प्राप्त किया जा सकता है।
खाद के संबंध में निगम आयुक्त श्री अभिषेक गुप्ता ने बताया कि बाजार एव घर से निकलने वाले कचरा जिसे स्वच्छता दीदीया डोर टू डोर कचरा संग्रहण के माध्यम से गीला एवं सुखा कचरा संग्रहण करते है, जिसे एसएलआरएम सेन्टर में उनके द्वारा पृथककरण किया जाता है और गीला कचरा व पत्तिया आदि से खाद बनाया जाता है। उन्होंने बताया कि 60 दिन की प्रक्रिया में पीठ एवं कम्पोस्ट मशीन के माध्यम से खाद का निर्माण किया जाता है, प्रक्रिया के तहत डी-कम्पोस्ट व गोबर घोल डालकर उलट पलट किया जाता है, जिसे 60 दिन के उपरांत जैविक तथा वर्मी खाद का उत्पादन होता है।
आयुक्त श्री गुप्ता ने बताया कि जैविक तथा वर्मी खाद किचन गार्डन, सब्जी बागवानी, घरों के उद्यानों, तथा कृषि फसलों हेतु अत्यंत उपयोगी है। यह शुद्ध देशी खाद है, जिसे गीला कचरा व पत्तियों आदि से बनाया जाता है, इस खाद में किसी भी प्रकार का केमिकल नहीं मिला होता है, जिस कारण से यह खाद फसलों, सब्जियों आदि की अधिक पैदावार हेतु अत्यंत उपयोगी है। उन्होंने बताया कि जैविक तथा वर्मी खाद का पर्याप्त भण्डारण निगम के पास है, जिसे नवागॉव, रेवाडीह, लखोली व मोहारा के एसएलआरएम सेन्टर से बाजार मूल्य से न्यूनतम दर पर प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंनेे कहा कि आगामी बरसात में फसलों, नर्सरी, पेड पौधों सब्जी के उत्पादन में उक्त खाद बहुत उपयोगी व उपजाउ साबित होगा।
आयुक्त श्री गुप्ता ने नागरिकों एवं कृषकों से अपील करते हुये कहा है कि केमिकल मुक्त जैविक तथा वर्मी खाद का अपने उद्यानों व फसलो की उर्वरा शक्ति बढ़ाने एवं शुद्ध उत्पादन के लिये उपयोग करने एसएलआरएम सेन्टरों से न्यूनतम दर पर प्राप्त कर सकते है।

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