जनपद के बड़े बाबू ने अपने भतीजे की लगाई नौकरी, 20 लाख रुपए घूस लेकर 4 अन्य को कर दिया रेगुलर, सस्पेंड
– जनपद पंचायत बोड़ला का मामला, जिन पदों की शासन से स्वीकृति ही नहीं, उस पर किया संविलियन, एक साल का वेतन सहित एरियर्स का भी किया भुगतान
– मामले में जपं के पूर्व सीईओ जेआर भगत, अध्यक्ष अमिता व उपाध्यक्ष सनत पर भी भ्रष्टाचार की आंच, क्योंकि नियमितीकरण के प्रस्ताव पर इन तीनों के दस्तखत
कवर्धा। जनपद पंचायत बोड़ला में पदस्थ बड़े बाबू (सहायक ग्रेड- 2) नरेन्द्र कुमार राऊतकर के खिलाफ फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। बड़े बाबू ने फर्जी तरीके ने न सिर्फ अपने भतीजे की सहायक ग्रेड- 3 पद पर नौकरी लगाई, बल्कि बतौर कंप्यूटर ऑपरेटर पहले से काम रहे 4 दैनिक वेतनभाेगी कर्मचारियों से 5- 5 लाख यानी कुल 20 लाख रुपए घूस लेकर उन्हें रेगुलर (नियमित) करने का आरोप है।
यही नहीं, उन्हें एक साल का वेतन सहित एरियर्स का भी भुगतान कर दिया है। खास बात यह है कि बड़े बाबू राऊतकर ने जनपद में जिन पदों पर अपने भतीजे व 4 अन्य लोगों का संविलियन किया है, वह पद शासन से ही स्वीकृत नहीं है। विहित प्राधिकारी (कलेक्टर) के अनुमोदन की प्रत्याशा में नियमितीकरण करने की बात कही गई, जबकि संविलियन के एक साल बाद भी नियमितीकरण प्रतिवेदन कलेक्टर को भेजी नहीं गई। जांच में फर्जीवाड़ा उजागर होने पर कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा ने बड़े बाबू नरेन्द्र राऊतकर को सस्पेंड कर दिया है। यह फर्जीवाड़ा वर्ष 2020 में कोरोना काल के दौरान किया गया। भ्रष्टाचार की आंच जनपद पंचायत के पूर्व सीईओ जेआर भगत, जपं अध्यक्ष अमिता प्रभाती मरकाम और उपाध्यक्ष सनत जायसवाल पर भी आ रही है। क्योंकि संविलियन/ नियमितीकरण के प्रस्ताव पर इन तीनों के कथित दस्तखत हैं।
भतीजे की सरकारी नौकरी लगाना था मकसद, 4 अन्य को इसलिए रेगुलर किया, ताकि विरोध न हों
यह पूरा फर्जीवाड़ा सहायक ग्रेड- 2 नरेन्द्र कुमार राऊतकर अपने भतीजे सौरभ टेम्बुकर को सरकारी नौकरी लगाने के लिए की। यही इस फर्जीवाड़े का मास्टर माइंड भी है। विरोध न हों, इसलिए शेष 4 दैनिक वेतनभाेगियों संजय धर्मी, इमरान खान, मुकेश चंद्रवंशी और चंद्रकांता मानिकपुरी को अनियमित से नियमित (रेगुलर) कर दिया। इसके एवज में मोटी रकम लेने का आरोप है। बता दें कि चार में से 3 लोग करीब 5 साल से बतौर कंप्यूटर ऑपरेटर काम कर रहे थे। वहीं एक अन्य महिला अनियमित कर्मचारी 10 साल से काम पर थी।
मार्कशीट ही नहीं, फिर भी कर दिया संविलियन व नियमितीकरण
भृत्य पद पर मुकेश चंद्रवंशी व चंद्रकांता मानिकपुरी की फर्जी तरीके से रेगुलर नियुक्ति की गई है। पड़ताल से पता चला कि भृत्य पद के लिए अनिवार्य योग्यता 8वीं उत्तीर्ण होना था। लेकिन इनकी मार्कशीट नहीं होने के बाद भी नियम विरुद्ध बिना मार्कशीट के संविलियन व नियमितीकरण कर दिया गया।
यूं समझिए, इस तरह हटा फर्जीवाड़े का पर्दा :
जनपद ऑफिस में नियमित अधिकारी- कर्मचारियों की उपस्थिति पंजी अलग से है। फर्जी तरीके से सहायक ग्रेड- 3 व भृत्य पद पर नियमितीकरण होने के बाद जब ये पांचों लोग उसमें हाजिरी भरने लगे। इसे देखने के बाद नियमित अधिकारी- कर्मचारी भी लोग दंग रह गए। जनपद के बाहर इस बात की चर्चा जोरों से होने लगी। जनपद सदस्यों को जब यह बात पता चली, तो उन्होंने मामले की तह तक जाने का रास्ता ढूंढ निकाला। कैबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर से शिकायत हुई। इसके बाद मामले की जांच कराई गई।
पंचायत उपसंचालक समेत 3 सदस्यीय टीम ने जांच में भ्रष्टाचार उजागर
मामले की जांच के लिए 3 सदस्यीय टीम बनाई गई। टीम में पंचायत उपसंचालक राज तिवारी, लेखा अधिकारी श्री जायसवाल और सहायक परियोजना अधिकारी (एपीओ) बलभद्र शामिल रहे। जांच में पाया कि मामला कोरोना काल वर्ष 2020 का है। सामान्य सभा के नियमितीकरण के प्रस्ताव पर जनपद सीईओ जेआर भगत, अध्यक्ष अमिता मरकाम, उपाध्यक्ष सनत जायसवाल और सहायक ग्रेड- 2 नरेन्द्र कुमार राऊतकर के हस्ताक्षर होना पाया गया। जबकि नियमत: 25 सदस्यों का हस्ताक्षरयुक्त प्रस्ताव होना था।
बोड़ला जनपद में 30 साल से जमे हैं बड़े बाबू, महंगी कार खरीदी, प्रशासन को सूचना तक नहीं
सहायक ग्रेड- 2 नरेन्द्र कुमार राऊतकर पिछले 30 साल से जनपद पंचायत बोड़ला में ही जमे हैं। वर्ष 1991 में उनकी पदस्थापना हुई थी। तब से वे यहीं पर कार्यरत हैं। राजनीतिक उठा- पटक के कारण पंडरिया जनपद में इनका तबादला हुआ था, लेकिन तबादले के 6- 7 महीने में ही वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के तुरंत बाद वापस बोड़ला में पदस्थापना करा लिया। नियमितीकरण मामले में फंसे श्री राऊतकर ने हाल ही में एक महंगी कार खरीदी है। लेकिन विहित प्राधिकारी (कलेक्टर) से इसकी अनुमति नहीं ली गई। छग सिविल सेवा (आचरण) नियम के तहत कोई भी शासकीय सेवक अगर मकान बनाने या निर्माण के जमीन खरीदता है या अन्य सामान खरीदने की सूचना विहित प्राधिकारी को देना अनिवार्य है।
मीडिया को जारी किए गए अधिकारियों के वर्सन-
मामले की उच्चस्तरीय जांच हो रही..
जनपद पंचायत बोड़ला के सीईओ केशव वर्मा का कहना है कि यह मामला मेरे आने से पहले की बात है। मामले की उच्चस्तरीय जांच जिला पंचायत स्तर पर कराई जा रही है। वहीं से जानकारी मिलेगी।
जिस तारीख को प्रस्ताव हुआ, उस दिन अध्यक्ष बाहर थीं..
जनपद अध्यक्ष अमिता के प्रतिनिधि प्रभाती मरकाम का कहना है कि जिस तारीख को जनपद की सामान्य सभा में नियमितीकरण का प्रस्ताव पारित हुआ, उस दिन बैठक में अध्यक्ष थी ही नहीं। उनका ऑपरेशन हुआ था, उसके बाद वे बेड रेस्ट पर थीं। प्रस्ताव में अध्यक्ष के नाम जो भी हस्ताक्षर हुआ होगा, वह फर्जी होगा। जांच कराई जाए, उसमें कोई बात नहीं है। लेन- देने के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
सीईओ पर कार्रवाई करने हम सक्षम नहीं है..
कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा ने कहा कि जो शिकायत आई थी, उसकी जांच कराई गई। जांच में दोषी पाए गए राऊतकर को सस्पेंड किया है। नियमितीकरण के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। रही बात, सीईओ जेआर भगत की, तो वे अभी दूसरे जिले में पदस्थ हैं। उन पर कार्रवाई करने हम सक्षम नहीं हैं। शासन को जांच रिपोर्ट भेज दी गई है। जपं अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के खिलाफ जो भी सुनवाई होगी, वह न्यायालय में होगी। उस पर कमेंट नहीं करूंगा।
