IMG-20241026-WA0010
IMG-20241026-WA0010
previous arrow
next arrow

फाइल फोटाे: गुड़ फैक्ट्री

एक्स रिपोर्टर न्यूज। राजनांदगांव

राजनांदगांव और नवगठित जिले में किसानों से गन्ना लगवाने का मसला गंभीर है। बाजार उपलब्ध कराने के सवाल पर कांग्रेसी नेताओं ने जवाब दिया कि यहां भी कबीरधाम की तरह गुड़ फैक्ट्रियां लगाई जाएंगी। आपको बता दें कि कबीरधाम में संचालित अधिकांश गुड़ फैक्ट्रियां अवैध है। ये वर्षों से शासन को लाखों रुपए के राजस्व का चुना लगा रहें हैं। कहीं यहां भी कुछ ऐसा ही करने की योजना तो नहीं है?

City reporter@राजनांदगांव: वाह! नेता जी…गिरते भूजल स्तर की चिंता छोड़ अब धान के बदले किसानों से लगवाएंगे पानी चूसने वाला ‘गन्ना’, शक्कर कारखाने के संकट के बीच बाजार उपलब्ध कराना भी बड़ी चुनौती, इससे कैसे निपटेगा ‘पंजा’…?

बीते महीनों में कवर्धा में प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कबीरधाम जिले में संचालित 300 से अधिक गुड़ फैक्ट्री अवैध हैं। गुड़ फैक्ट्री लगाने किसी ने भी कृषि उपज मंडी से न तो लाइसेंस बनवाया है और न ही प्रोसेसिंग फीस (प्रसंस्करण शुल्क) जमा किया है। इससे सरकारी खजाने को सीधे तौर पर लगभग 35 लाख रुपए से ज्यादा का नुकसान हो रहा है। वहीं बगैर लाइसेंस के संचालित इन उद्योगों में गन्ना खरीदी और पेराई से भी हर साल लगभग 2.83 करोड़ रुपए से ज्यादा की टैक्स चोरी की जा रही है।

अवैध तरीके से संचालित इन गुड़ उद्योगों को लेकर कृषि उपज मंडी प्रशासन ने सख्त रवैया अपनाया। इस मामले को लेकर मंडी प्रशासन बिलासपुर हाईकोर्ट पहुंच गया। दरअसल, नियमानुसार गुड़ उद्योग लगाने के पूर्व मंडी लाइसेंस लेना पड़ता है। इसके लिए 5 हजार रुपए शुल्क तय है। इसके अलावा 5 हजार रुपए प्रसंस्करण शुल्क (प्रोसेसिंग फीस) और प्रति क्विंटल गन्ना खरीदी करने पर छग मंडी अधिनियम के तहत 1.20 प्रतिशत मंडी टैक्स लगाया जाता है। लेकिन किसी भी गुड़ उद्योग ने मंडी लाइसेंस नहीं लिया है।

Agriculture reporter@राजनांदगांव: वाह! नेता जी पार्ट-2; कबीरधाम में ‘न्याय’ योजना की निकली हवा…बोनस बांटने के नए फार्मूले से कारखाने में ‘गन्ना’ बेचने वाले किसान घाटे में, आंदोलन की भी चेतावनी…

कुछ इस तरह की जा रही है टैक्स चोरी

कबीरधाम जिले में करीब 350 गुड़ फैक्ट्रियां हैं। छग मंडी अधिनियम के तहत 1.20 प्रतिशत मंडी टैक्स लगाया जाता है। यदि फैक्ट्रियां प्रति क्विंटल 270 रुपए की दर से गन्ना खरीदते हैं, तो उन्हें  प्रति क्विंटल गन्ने का 2.40 रुपए की दर से टैक्स देना होगा। सीजन में इन फैक्ट्रियों में लगभग 13 लाख टन (11793401.62 क्विंटल) गन्ना खरीदी व पेराई होती है। इस हिसाब से प्रति क्विंटल 2.40 रुपए की दर से करीब 2.83 करोड़ रुपए टैक्स बनता है। लेकिन मंडी लाइसेंस न बनवा कर फैक्ट्री संचालक ये टैक्स चोरी कर रहे हैं।

13 लाख टन गन्ना की है खपत

एक रिपोर्ट के मुताबिक कबीरधाम जिले में करीब 20 लाख टन गन्ना उत्पादन होता है। भोरमदेव कारखाना क्षेत्र में में 12 लाख और नए कारखाना क्षेत्र में 8 लाख टन गन्ना उत्पादन होता है। दोनों कारखाने मिलाकर पूरे सीजन में 6 से 7 लाख टन गन्ना पेराई कर पाते हैं, जो कि कुल उत्पादन का सिर्फ 40 फीसदी है। शेष 60 फीसदी यानी 13 लाख टन गन्ने की खपत गुड़ फैक्ट्रियों में होती है।

सभी नियम दरकिनार, फिर भी कार्रवाई नहीं

अवैध तरीके से संचालित इन गुड़ फैक्ट्रियों में हर नियम तोड़ जा रहे हैं। पर्यावरण की अनुमति नहीं है। अधिकांश फैक्ट्रियां किराए की जमीन पर संचालित हो रहे हैं। फैक्ट्रियों में जहां पानी की आपूर्ति के लिए अलग से बिजली कनेक्शन की जरूरत है, वहां कृषि पंप कनेक्शन से ही बिजली पर लोड बढ़ा रहे हैं। दीगर राज्यों से आए मजदूर यहां काम करते हैं। इसका पुलिस वेरीफिकेशन भी नहीं कराया जाता। इसके बावजूद प्रशासन न तो जांच कराती है और न ही कार्रवाई।

——————-

✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️

कर्णकांत श्रीवास्तव
(B.J.M.C.)
सीनियर जर्नलिस्ट, फाउंडर एंड चीफ एडिटर-एक्स रिपोर्टर न्यूज वेबसाइट, ब्यूरोचीफ-दैनिक सत्यदूत संदेश, मीडिया प्रभारी- जिला पत्रकार महासंघ, राजनांदगांव, विशेष सदस्य-प्रेस क्लब राजनांदगांव।

मो. 9752886730

You missed

error: Content is protected !!