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एक्स रिपोर्टर न्यूज। राजनांदगांव

पानी चूसने वाली गन्ना की खेती इतनी आसान नहीं है। बीते दिनों हुए प्रेस वार्ता में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष नवाज खान ने कहा था कि गन्ना खेती को प्रोत्साहित करने के लिए राजनांदगांव सहित नव गठित जिले के किसानों को न्याय योजना का लाभ दिलाया जाएगा। लेकिन न्याय योजना की पहले ही हवा निकली हुई है। कबीरधाम के किसान न्याय योजना से खुश नहीं है। वहां के किसानों ने यह तक कह डाला कि बोनस बांटने के नए फार्मूले से कारखाने में गन्ना बेचने वाले किसान घाटे में है। स्थानीय मीडिया में बयान जारी करते हुए किसान संघ ने आंदोलन की चेतावनी भी दी है।

City reporter@राजनांदगांव: वाह! नेता जी…गिरते भूजल स्तर की चिंता छोड़ अब धान के बदले किसानों से लगवाएंगे पानी चूसने वाला ‘गन्ना’, शक्कर कारखाने के संकट के बीच बाजार उपलब्ध कराना भी बड़ी चुनौती, इससे कैसे निपटेगा ‘पंजा’…?

इसी माह कबीरधाम में प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट में किसानों के हवाले से बताया गया कि कबीरधाम जिले के दोनों शक्कर कारखाने में गन्ना बेचने वाले शेयरधारी किसानों के साथ धोखा हो रहा है। किसानों का तर्क है कि बोनस बांटने के लिए जो नया फार्मूला लाए हैं, उससे कारखाने में गन्ना बेचने से नुकसान हो रहा है। प्रति 5 एकड़ के लिए बांटे गए न्याय योजना और बोनस की राशि को समायोजित (एडजस्ट) कर दिया गया है। इससे प्रति एकड़ करीब 6 हजार का घाटा हो रहा है।

भारतीय किसान संघ ने तर्क दिया कि कारखाने में गन्ना बेचने वाले किसानों को 79.50 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बोनस (अंतर की राशि) देना है। साथ ही राजीव गांधी न्याय योजना के तहत प्रति एकड़ 9 हजार रुपए दिया जाना है। अभी तक 3 किश्त में 6750 रुपए किसानों को दिया जा चुका है। होना यह था कि किसी किसान ने 5 एकड़ में गन्ना लगाया है और उसने 2 एकड़ की फसल शक्कर कारखाने में बेचा है। उसका पूरा बोनस यानी प्रति क्विंटल 79.50 रुपए की दर से भुगतान होना था। लेकिन लाए गए नए फार्मूले से सभी 5 एकड़ गन्ना रकबे का न्याय योजना की राशि को मूल बोनस की राशि में घटाकर दे रही है। दरअसल, राजीव गांधी न्याय योजना और अंतर की राशि (बोनस) दोनों को समायोजित कर भुगतान किया जा रहा है। इससे कबीरधाम जिले के 23 हजार से ज्यादा किसान प्रभावित हो रहे हैं। शासन स्तर से कारखानों को न्याय योजना के तहत लाभांवित किसानों की सूची भेजी है। इसमें सामान्य रूप से गन्ना लगाने वाले 18160 किसान शामिल हैं, जिन्हें न्याय योजना के तहत प्रति एकड़ 9- 9 हजार दिया जाना है, वहीं धान के बदले गन्ना लगाने वाले 5328 किसान शामिल हैं, जिन्हें 10- 10 हजार रुपए प्रति एकड़ दिया जाना है।

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कर्णकांत श्रीवास्तव
(B.J.M.C.)
सीनियर जर्नलिस्ट, फाउंडर एंड चीफ एडिटर-एक्स रिपोर्टर न्यूज वेबसाइट, ब्यूरोचीफ-दैनिक सत्यदूत संदेश, मीडिया प्रभारी- जिला पत्रकार महासंघ, राजनांदगांव, विशेष सदस्य-प्रेस क्लब राजनांदगांव।

मो. 9752886730

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