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सीआरसी ने आत्मकेन्द्रीत और अन्य संवेदी प्रसंस्करण विकार को समझना विषय पर सीआरई कार्यक्रम का किया आयोजन

राजनांदगांव 25 फरवरी 2022। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार के अंतर्गत राष्ट्रीय बौद्धिक दिव्यांगता सशक्तिकरण संस्थान के अधीन संचालित समेकित क्षेत्रीय केंद्र राजनांदगांव द्वारा 23 एवं 24 फरवरी को सीआरसी राजनांदगांव में कोविड-19 और भारतीय पुनर्वास परिषद नई दिल्ली के नियमानुसार 2 दिवसीय ऑनलाइन कार्यक्रम आत्मकेन्द्रीत और अन्य संवेदी प्रसंस्करण विकार को समझना विषय पर सीआरआई कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न राज्यों से 49 रिहबिलिटेशन प्रोफेशनल शामिल हुए। पाथ्वे वर्ड स्कूल दिल्ली एवं सीआरसी राजनांदगांव के विभिन्न रीहबिलिटेशन प्रोफेशनल द्वारा आत्मकेन्द्रीत और अन्य संवेदी प्रसंस्करण विकार को समझना और उनके व्यवहार में परिवर्तन के बारे में जानकारी दिया गया। जिसका विकास सभी प्रोफेशनल आडीयोलॉजिस्ट, विशेष शिक्षक,सोशल वर्कर, सायकोलॉजिस्ट द्वारा दिया गया।

सीआरई कार्यक्रम का शुभारंभ निदेशक सीआरसी के श्री कुमार राजू द्वारा किया गया। सीआरई वेबीनार कार्यक्रम प्रतिदिन सुबह 10 बजे से दोपहर 4.30 बजे तक विभिन्न विभागीय विशेषज्ञों श्री कुमार राजू, श्रीमती श्री देवी घोडिशाला, श्री राजेंद्र कुमार प्रवीण, श्रीमती पूनम, श्री प्रसादी कुमार महतो, श्री देव आशीष, श्रीमती स्वीकृति, श्री गौतम रजक द्वारा सवेंदी एकीकरण चिकित्सा, घर पर ऑटिज्म से पीडि़त बच्चों को संभालने के लिए माता-पिता के लिए निर्देश एवं आत्मकेन्द्रीत और अन्य संवेदी प्रसंस्करण विकार का निदान और प्रबंधन पर विस्तृत चर्चा किया गया। इससे प्रतिभागी को अपने क्षेत्र में इस ज्ञान का उपयोग दिव्यांगजन के जीवन स्तर को बढ़ाने में मददगार होगा। समेकित क्षेत्रीय केन्द्र राजनांदगांव द्वारा भारत सरकार के 2437 टोल फ्री मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास नंबर 1800-599-0019 के बारे में जानकारी दी गई। कोविड महामारी में तनाव से मुक्त होने हेतु उपाय के सुझाव दिये गए। कार्यक्रम के सभी सत्र बाद भारतीय पुनर्वास परिषद नई दिल्ली के नियमानुसार प्रतिभागिओं मूल्यांकन भी किया गया। तद्पश्चात सभी प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट दिया गया। जिससे प्रतिभागियों का आत्म बल बढ़ेगा और अपने मूल प्रमाणपत्र का नवीनीकरण में उपयोगी होगा। कार्यक्रम के अंतिम दिवस धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन कार्यक्रम समन्वयक श्री देव आशीष द्वारा किया गया।

By Amitesh Sonkar

Sub editor

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