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एक्स रिपोर्टर न्यूज, राजनांदगांव। प्रशासनिक दावे के विपरित जिले में धान परिवहन की व्यवस्था चिंताजनक है। क्योंकि अफसर ट्रांसफर आर्डर (टीओ) से अधिक डिलीवरी आर्डर (डीओ) पर जोर दे रहे है। यही वजह है कि खरीदी केंद्रों में अभी भी 397582 टन धान जाम है। 94 खरीदी केंद्रों में स्टॉक बफर लिमिट क्रास कर चुका है। यही नहीं दूसरे जिले के संग्रहण केंद्र में परिवहन की व्यवस्था ने समिति प्रभारियों की चिंता बढ़ा दी है। यह चौकाने वाली हकीकत एक्स रिपोर्टर द्वारा किए गए मैदानी पड़ताल में सामने आई है।

समर्थन मूल्य पर धान खरीदी को कुछ ही दिन शेष रह गए है। प्रशासन का दावा है कि 93 प्रतिशत किसानों से उपज खरीदी जा चुकी है। बचे हुए किसानों से नियत समयावधि तक खरीदी कर ली जाएगी। लेकिन परिवहन व्यवस्था अब भी परेशानी का कारण बनी हुई है। टीओ से अधिक डीओ जारी करने की वजह से पर्याप्त उठाव नहीं हो पा रहा है। कायदे कि बात करें तो मिलर्स अपने मिलिंग के हिसाब से ही धान का उठाव कर रहे है, जरुरत है धान को सुरक्षित स्थान यानी संग्रहण केंद्र में पहुंचाने की, टीओ पर जोर देने की, यदि ऐसा नहीं किया गया तो पिछले साल जैसे नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।

58 मिलर्स कर रहे धान का उठाव

ऑनलाइन डाटा के अनुसार राजनांदगांव जिले के 58 मिलर्स धान का उठाव कर रहे है। अभी तक मिलर्स को 186064 टन धान जारी किया जा चुका है। इसके विपरित मिलर्स द्वारा नागरिक आपूर्ति निगम के गोदाम में 24354 टन और भारतीय खाद्य निगम के गोदाम में 72872 टन चावल जमा किया गया है। जबकि अफसरों की माने तो जिले में लगभग 100 मिल्स है, जिसमें से 80 मिल्स में मिलिंग होती है।

वर्षोँ बाद फिर बनाई दिगर जिले में परिवहन की व्यवस्था

जिले में 7 संग्रहण केंद्र है। जहां धान रखने के लिए पर्याप्त व्यवस्था है। इसके बावजूद शासन ने दूसरे जिले के संग्रहण केंद्रों में धान परिवहन की व्यवस्था बनाई है। जिले का धान चितौद और धमतरी में भेजा जा रहा है। समिति प्रबंधकों की माने तो यह व्यवस्था वर्षों बाद फिर दोहराई गई है। तालमेल की कमी के कारण दूसरे जिले के संग्रहण केंद्र प्रभारी धान को रिजेक्ट कर रहे है। जिससे परेशानी बढ़ गई है। वहीं दिगर जिले में परिवहन में समय भी काफी लग रहा है। जिससे उठाव धीमा हो चुका है।

सात फरवरी तक होगी खरीदी, रात 12 बजे लॉक हो जाएगा सॉफ्टवेयर

शासन के निर्देशानुसार इस बार 7 फरवरी तक धान की खरीदी की जाएगी। रात 12 बजे सॉफ्टवेयर लाॅक हो जाएगा। आकड़ों के अनुसार इस वर्ष जिले के 149 केंद्रों से धान खरीदी की जा रही है। 2 फरवरी शाम तक 195357 किसानों से कुल 819336 टन धान खरीदी की जा चुकी है। इसमें से संग्रहण केंद्र को 235690 टन धान प्रदान किया जा चुका है। जो नाकाफी है। गौरतलब है कि आगामी 15 मार्च 2022 तक समस्त उपार्जन केन्द्रों से सम्पूर्ण धान उठाव का लक्ष्य कलेक्टर द्वारा निर्धारित किया गया है।

नहीं मिला पिछला कमीशन, हालत खस्ता

ग्राउंड रिपोर्ट में यह भी बात निकलकर आई कि धान खरीदी केंद्रों को पिछले वर्ष का कमीशन अभी तक नहीं मिला है। अफसरों के मुताबिक कमीशन की रकम 10 से 12 करोड़ रुपए के आसपास है। बकाया कमीशन नहीं मिलने की वजह से समितियों की हालत खस्ता हो गई है। प्रभारियों की माने तो व्यवस्था बनाने के लिए उन्हें उधार भी लेना पड़ा। गौरतलब है कि समितियों को प्रति क्विंटल धान खरीदी पर दो रुपए का कमीशन दिया जाता है। पिछले 9 वर्षों से राशि में एक पैसे की भी वृद्धि नहीं की गई है। प्रति क्विंटल 7 रुपए कमीशन दिए जाने की मांग लेकर शासन प्रशासन से पत्राचार भी किया जा चुका है, लेकिन अभी तक इस ओर कार्रवाई नहीं की गई है। जबकि इसी वर्ष मिलिंग दर बढ़ोत्तरी कर प्रति क्विंटल 40 से 120 रुपए कर दिया गया है।

बेहतर प्रबंधन के लिए बनाई गई है व्यवस्था-सीईओ

जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के सीईओ एसके वर्मा ने कहा कि बेहतर प्रबंधन के लिए ही इस वर्ष शासन ने दिगर जिले में परिवहन की व्यवस्था बनाई है। तय समय पर धान का उठाव कर लिया जाएगा। रही बात बकाया कमीशन की तो शासन स्तर पर इसकी कार्रवाई की जा रही है। व्यवस्था के लिए खरीदी से पूर्व सुरक्षा एवं भंडारण के लिए समितियों को कुछ रकम एडवांस दिया गया था।

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By Karnkant Shrivastava

B.J.M.C. Chief Editor Mo. No. 9752886730

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