फाइल फोटो
एक्स रिपोर्टर न्यूज़ । राजनांदगांव
रेल सुरक्षा बल द्वारा ऑपरेशन आहट के तहत 16 बालिग लडकियों को सखी सेंण्टर राजनांदगांव में उचित संरक्षण हेतु सुपुर्द किया गया है।
जानकारी अनुसार दिनांक-08.06.24 को रात्रि समय लगभग 08.30 बजे रेल सुरक्षा बल राजनांदगांव द्वारा प्लेटफॉर्म चेकिंग के दौरान 16 लडकियों को एक साथ स्टेशन पर असहज बैठी पाकर उनसे पूछताछ करने पर उनके द्वारा बताया गया कि वह तमिलनाडु में काम करने जा रही हैं, और कुछ लड़कियों ने बताया कि वह बेंगलुरु जा रही है। उनकी ट्रेन आने का समय लगभग रात 12:30 बजे है। सभी लड़कियां अलग-अलग जवाब दे रही थी किन्तु वह संतोषनजर जवाब नहीं दे पा रही थीं। सभी लड़कियों की उम्र 18 वर्ष से लेकर 23 वर्ष के बीच में थी। सभी कम उम्र की लड़कियां थी। लड़कियों के द्वारा बताया गया सभी लड़कियां कवर्धा जिले के अलग-अलग पंचायत की है। इस संबंध में लडकियों के परिजनों को भी सूचना दी गयी है और साथ ही इसकी सूचना महिला संरक्षण आयोग के अधिकारी को भी दी गई। परिजनों द्वारा रात्रि का समय होने के कारण कल राजनांदगांव आने को कहा गया है। 16 लडकियों को वेरीफिकेशन, मामले की जांच एवं पतासाजी हेतु उचित देख-रेख और संरक्षण में सखी सेण्टर राजनांदगांव को सुपुर्द किया गया है।
बैंक के नाम से दिया गया था ट्रेनिंग
सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार रेस्क्यू किए गए लड़कियों को किसी प्रतिष्ठित बैंक के नाम से ट्रेनिंग दिया गया था। इसके बाद लड़कियों को मेट्रो सिटी भेजने की तैयारी थी। जो युवक इन लड़कियों को साथ लेकर राजनांदगांव रेलवे स्टेशन पहुंचा था वह भी कवर्धा का बताया जा रहा है। लड़कियों को किस काम के लिए ले जाया जा रहा था इसकी जानकारी अभी तक नहीं मिल पाई है। बता दे की जब किसी बैंक, शासकीय या फिर प्राइवेट संस्था से इस तरीके का ट्रेनिंग कैंप चलाया जाता है तब अभ्यर्थियों को केवल स्वरोजगार हेतु प्रोत्साहित किया जाता है और लोकल स्तर पर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जाता है। दूसरे शहर भेजने जैसी कोई व्यवस्था नहीं रहती। ऐसे में ट्रेनिंग के बाद इन लड़कियों को बाहर ले जाना अपने आप में ही कई सवालों को जन्म दे रहा है। ह्यूमन ट्रैफिकिंग की आशंका भी बनी हुई है। प्रशासन को चाहिए कि इस मामले की गहराई तक छानबीन करवाए और लड़कियों को किस प्रयोजन से बाहरी राज्यों में ले जाया जा रहा था इसकी पुष्टि करें।
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